सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की रिहाई की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई की याचिका पर सुनवाई हुई। उनकी पत्नी ने गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक कार्यकर्ता को चुप कराने की कोशिश है। अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और वांगचुक की गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी मांगी है। क्या वांगचुक को जल्द रिहा किया जाएगा? जानें पूरी कहानी में।
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सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की रिहाई की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की जेल से रिहाई की मांग को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी किया। अदालत ने पूछा कि सोनम वांगचुक को रिहा न करने का क्या कारण है। वांगचुक की पत्नी का पक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रखा, जिन्होंने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी नहीं दी गई।


सरकार का जवाब

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को जानकारी दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी को एक कॉपी दी जाएगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि सोनम वांगचुक को क्यों गिरफ्तार किया गया। वांगचुक पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है और वह वर्तमान में जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं। इस दौरान, गीतांजलि ने मांग की कि उनके पति को फोन पर बात करने की अनुमति दी जाए और उनसे मुलाकात कराई जाए।


गिरफ्तारी पर सवाल

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और उन पर आरोप है कि उन्होंने हिंसा को भड़काने वाले बयान दिए। उनकी पत्नी ने अदालत में कहा कि उनके पति को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है।


गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन

गीतांजलि ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी में कोई राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह एक कार्यकर्ता को चुप कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि उनके पति गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जो उनका संवैधानिक अधिकार है। गीतांजलि ने यह भी कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।