सुप्रीम कोर्ट में शराब की बोतलों का विवाद: जस्टिस कांत का मजेदार सवाल

सुप्रीम कोर्ट में शराब की बोतलों के ट्रेडमार्क विवाद पर सुनवाई के दौरान जस्टिस कांत ने मजेदार सवाल पूछकर सबको चौंका दिया। उन्होंने टेट्रा-पैक में व्हिस्की देखकर हैरानी जताई और इसे स्कूल में ले जाने की बात कही। इस मामले में दोनों कंपनियों ने अपने ट्रेडमार्क का दावा किया है। जानें इस दिलचस्प सुनवाई की पूरी कहानी और कोर्ट की प्रतिक्रिया।
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सुप्रीम कोर्ट में शराब की बोतलों का विवाद: जस्टिस कांत का मजेदार सवाल

सुप्रीम कोर्ट में शराब कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क विवाद

सुप्रीम कोर्ट में शराब की बोतलों का विवाद: जस्टिस कांत का मजेदार सवाल

सुप्रीम कोर्ट में शराब की बोतलें

सुप्रीम कोर्ट में दो शराब कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क को लेकर विवाद चल रहा है, जो काफी समय से जारी है। आज इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में बोतलें और टेट्रा-पैक में व्हिस्की पेश की गई। जस्टिस सूर्यकांत ने टेट्रा-पैक में व्हिस्की देखकर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि इसे स्कूल में आसानी से ले जाया जा सकता है। यह मामला ब्रांडिंग और उत्पाद प्रस्तुति के कानूनी पहलुओं को उजागर करता है।

जब वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत में बोतलें पेश कीं, तो जस्टिस सूर्यकांत ने मजाक में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अंदर की सामग्री बाहर की तरह साफ नहीं होगी। इसका मतलब था कि बोतल बाहर से साफ पानी जैसी दिख रही थी।

क्या ये जूस है? – जस्टिस कांत का सवाल

रोहतगी ने फिर टेट्रा-पैक दिखाया जिसमें व्हिस्की बेची जा रही थी। जस्टिस कांत ने पूछा, "यह क्या है? जूस?" रोहतगी ने बताया कि यह भी व्हिस्की है। जस्टिस कांत ने कहा कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा और इसे स्कूल में ले जाना आसान होगा। कोई भी नहीं समझ पाएगा कि यह शराब है या पानी।

जस्टिस कांत ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से मजाकिया लहजे में कहा कि उन्हें आपकी टाइमिंग की चिंता थी और उन्हें लगा कि इन बोतलों पर टिप्पणी करना शायद जल्दबाजी होगी।

शराब की पैकिंग पर कोर्ट की हैरानी

शराब कंपनियों ने कोर्ट में अपने-अपने ट्रेडमार्क का दावा पेश किया है, जिसके चलते सुनवाई चल रही है। दोनों कंपनियों ने आज अपनी शराब पेश की। हालांकि, पैकिंग के तरीके पर कोर्ट ने हैरानी जताई है। अब देखना होगा कि अगली सुनवाई में कोर्ट क्या आदेश देती है।