सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश पर सोनिया गांधी की कड़ी प्रतिक्रिया

सोनिया गांधी का बयान
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। सोनिया गांधी ने कहा कि इस हमले की निंदा के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं है, यह न केवल मुख्य न्यायाधीश पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई हमेशा दयालु रहे हैं, और देश को उनके साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए। यह बयान 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर द्वारा अदालत में मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के प्रयास के बाद आया, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया।
बार काउंसिल का निर्णय
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के प्रयास के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकील राकेश किशोर का लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया है। उन्हें देश भर की किसी भी अदालत या कानूनी प्राधिकरण में वकालत करने से रोक दिया गया है, जब तक कि आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाती। एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें किशोर को 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा कि निलंबन क्यों नहीं जारी रखा जाना चाहिए।
दिल्ली बार काउंसिल का निर्देश
दिल्ली बार काउंसिल को बिना किसी देरी के आदेश लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसमें वकील की स्थिति को अपनी आधिकारिक सूची में अपडेट करना और सभी संबंधित अदालतों को निलंबन के बारे में सूचित करना शामिल है। इस घटना के दौरान, जब राकेश किशोर को कोर्टरूम से बाहर ले जाया जा रहा था, उन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि भारत सनातन धर्म का अपमान सहन नहीं करेगा।