सुप्रीम कोर्ट में छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने छात्र कार्यकर्ताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। ये याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देती हैं, जिसमें उन्हें फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश के आरोप में जमानत देने से मना किया गया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुनवाई की प्रक्रिया के बारे में।
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सुप्रीम कोर्ट में छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का मामला

सुप्रीम कोर्ट छात्र कार्यकर्ताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। ये याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देती हैं, जिसमें फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत उन्हें जमानत देने से मना कर दिया गया था। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले, जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलिंदर कौर की दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने नौ आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि ये दंगे एक सामान्य विरोध प्रदर्शन नहीं थे, बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश थी।


याचिकाओं का विवरण

ये याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट के 2 सितंबर को दिए गए उस फैसले के खिलाफ दायर की गई हैं, जिसमें उनकी जमानत अर्जियां खारिज कर दी गई थीं। याचिकाकर्ताओं पर आरोप है कि वे 2019-2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में प्रमुख एक्टिविस्ट रहे हैं। उन पर दंगों की साजिश का आरोप लगाया गया है, जिसके तहत गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। आरोप के अनुसार, इन आरोपियों ने फरवरी 2020 के अंत में दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों के पीछे की 'बड़ी साज़िश' रची थी।


हिरासत में समय

याचिकाकर्ता पिछले पांच साल से अधिक समय से हिरासत में हैं। इस मामले में सबसे पहले शर्जील इमाम ने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसके बाद उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर ने भी जमानत की मांग की। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इन सभी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि शर्जील इमाम और उमर खालिद की साजिश में भूमिका 'गंभीर' है।