सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव रेप केस की सुनवाई, सीबीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी

उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कुलदीप सेंगर को दी गई जमानत के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इस मामले की सुनवाई 29 दिसंबर को होगी। जानें हाई कोर्ट के फैसले के पीछे के कारण और सीबीआई की दलीलें। क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में नया मोड़ लाएगा? पढ़ें पूरी जानकारी।
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सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव रेप केस की सुनवाई, सीबीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी

सुप्रीम कोर्ट की विशेष सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में 5 जनवरी 2026 तक सर्दियों की छुट्टी पर है। हालांकि, एक महत्वपूर्ण मामले के लिए इस दौरान भी सुनवाई की जाएगी। यह मामला उन्नाव रेप केस से संबंधित है, जिसमें हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें जमानत दी। इस जमानत के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। सीबीआई का मानना है कि हाई कोर्ट ने इस मामले में गंभीर गलती की है।


सीबीआई की अपील और सुनवाई की तारीख

सीबीआई ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशों का अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है और सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई 29 दिसंबर को होगी, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे के महेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल होंगे। सुनवाई का आधार यह जानना होगा कि हाई कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को किस आधार पर बरी किया।


हाई कोर्ट का निर्णय

कुलदीप सेंगर को जमानत देने का कारण यह बताया गया कि हाई कोर्ट को पहले दृष्टिकोण में ऐसा लगा कि पोक्सो कानून के तहत आरोप सही तरीके से लागू नहीं हुए। कोर्ट ने माना कि यह मामला सबसे गंभीर श्रेणी में नहीं आता। पोक्सो कानून के अनुसार, नाबालिक के साथ यौन शोषण तब अधिक गंभीर माना जाता है जब अपराधी किसी जिम्मेदार पद पर हो।


कानूनी दृष्टिकोण

यदि कोई व्यक्ति, जैसे कि पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मचारी, या सुरक्षा बल का सदस्य, नाबालिक के साथ यौन शोषण करता है, तो कानून इसे गंभीर अपराध मानता है। ऐसे मामलों में न्यूनतम 20 साल की सजा होती है, जो उम्रकैद तक जा सकती है।