सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन विदेशी नागरिकों के लिए एक नीति विकसित करे, जो अपराध के आरोप में देश से भाग जाते हैं। यह मामला तब सामने आया जब एक नाइजीरियाई नागरिक, जो एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामले में आरोपी था, ज़मानत मिलने के बाद अपने देश लौट गया। अदालत ने यह भी कहा कि नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि के अभाव में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित दिशानिर्देशों का सेट तैयार किया जाना चाहिए। जानें इस महत्वपूर्ण मामले की पूरी जानकारी।
 | 
सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्देश

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन विदेशी नागरिकों के लिए एक प्रभावी नीति विकसित करे, जो अपराध के आरोप में देश से भाग जाते हैं। यह मामला तब सामने आया जब एक नाइजीरियाई नागरिक, जो एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामले में आरोपी था, मई 2022 में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा ज़मानत मिलने के बाद अपने देश लौट गया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में इस ज़मानत आदेश को रद्द करते हुए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि आरोपी को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए वापस लाया जाए। इसके साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित दिशानिर्देशों का एक सेट तैयार किया जाना चाहिए और सभी संबंधित न्यायालयों को वितरित किया जाना चाहिए। 


नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण संधि का अभाव

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ के समक्ष केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज कुमार भास्कर ठाकरे ने बताया कि नाइजीरिया के साथ द्विपक्षीय संधि के अभाव में प्रत्यर्पण संभव नहीं है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने सॉलिसिटर जनरल को भेजे गए एक ईमेल में कहा कि भारत और नाइजीरिया के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है, जिसके कारण नाइजीरियाई अधिकारियों द्वारा अपने नागरिक का प्रत्यर्पण करना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2023 को इस मामले को रद्द कर दिया। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि डेविड बेल, जो हाल ही में छूटे थे, फरार हो गए हैं। केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि नाइजीरिया अपने नागरिक को भारत नहीं सौंपेगा, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को समाप्त कर दिया।