सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद शमी के गुजारा भत्ते पर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के गुजारा भत्ते पर उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा दायर याचिका पर प्रतिक्रिया मांगी है। हसीन ने तलाक के बाद मिलने वाले भत्ते में संशोधन की मांग की है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शमी को अपनी पत्नी और बेटी को हर महीने ₹4 लाख देने का आदेश दिया था। हालांकि, हसीन ने ₹10 लाख की मांग की थी, जिसमें से ₹7 लाख खुद के लिए और ₹3 लाख बेटी के लिए थे। जानें इस कानूनी लड़ाई के बारे में और अधिक।
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सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद शमी के गुजारा भत्ते पर मांगा जवाब

शमी और उनकी पत्नी के बीच कानूनी विवाद

भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और पश्चिम बंगाल सरकार से उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिक्रिया मांगी है। इस याचिका में हसीन ने तलाक के बाद मिलने वाले गुजारा भत्ते में संशोधन की मांग की है। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा शमी को अपनी पत्नी और बेटी को हर महीने दिए जाने वाले गुजारा भत्ते की राशि संतोषजनक है।


कानूनी आदेश और गुजारा भत्ता

यह मामला तब सामने आया जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शमी को अपनी पत्नी हसीन जहां और उनकी बेटी के भरण-पोषण के लिए ₹4 लाख मासिक देने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी की पीठ ने 1 जुलाई को यह निर्देश दिया, जिसमें शमी को अपनी पत्नी को ₹1.5 लाख और बेटी को ₹2.5 लाख देने का आदेश दिया गया। न्यायालय ने कहा कि यह राशि दोनों याचिकाकर्ताओं की वित्तीय स्थिरता के लिए उचित है।


हसीन जहां की मांग

हालांकि, हसीन जहां ने कुल ₹10 लाख प्रति माह गुजारा भत्ता मांगा था, जिसमें से ₹7 लाख खुद के लिए और ₹3 लाख अपनी बेटी के लिए थे। उनकी यह मांग स्वीकार नहीं की गई। जुलाई में पारित आदेश उनके लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी, क्योंकि यह राशि उस ₹1.30 लाख प्रति माह से अधिक थी, जो शमी को 2023 में जिला अदालत द्वारा देने का आदेश दिया गया था।