सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए 33% आरक्षण पर केंद्र को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू करने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने संविधान की प्रस्तावना का हवाला देते हुए कहा कि महिलाएं इस देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक हैं। इसके अलावा, असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अंतिम रूप देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए 33% आरक्षण पर केंद्र को नोटिस जारी किया

महिलाओं के लिए राजनीतिक समानता की दिशा में कदम

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू करने की मांग की गई है। अदालत ने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना सभी नागरिकों को राजनीतिक और सामाजिक समानता का अधिकार देती है। महिलाओं की संख्या इस देश में लगभग 48% है, जो कि सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है। यह अधिनियम महिलाओं की राजनीतिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नीतिगत मामलों में अदालतों की भूमिका सीमित होती है।


याचिकाओं पर नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अंतिम रूप देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर एनआरसी समन्वयक को नोटिस जारी किया है। ये याचिकाएं जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा दायर की गई थीं, जिसमें केंद्र से अंतिम एनआरसी के बाद की वैधानिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश देने की मांग की गई है।