सुप्रीम कोर्ट ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की सुनवाई से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी ने वकील से कहा कि यह केवल एक मैच है और इसे होने दिया जाना चाहिए। याचिका में तर्क किया गया कि इस मैच का आयोजन राष्ट्रीय गरिमा के खिलाफ है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के तर्क।
Sep 11, 2025, 13:08 IST
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गुरुवार को, सुप्रीम कोर्ट ने एशिया कप टी20 टूर्नामेंट के तहत 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया। यह मामला न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ के सामने रखा गया, लेकिन पीठ ने इस पर कोई सुनवाई नहीं की। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने उस वकील से कहा जिसने मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने की मांग की थी, "इतनी जल्दी क्या है? यह केवल एक मैच है, इसे होने दो।"
वकील का तर्क
जब वकील ने बताया कि मैच रविवार को निर्धारित है और यदि इस पर तुरंत सुनवाई नहीं हुई, तो याचिका बेकार हो जाएगी, न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने स्पष्ट किया: "क्या मैच इसी रविवार को है? हम इसमें क्या कर सकते हैं? इसे चलने दो।" वकील के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, जिन्होंने कहा कि याचिका चाहे कितनी भी मजबूत या कमजोर हो, कम से कम इस पर सुनवाई होनी चाहिए, पीठ ने इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा, "हर दिन, एक पक्ष, दूसरा पक्ष, एक मैच होता है... एक गेंद...", और इस तरह मामला समाप्त हो गया।
याचिका का आधार
याचिका दायर करने वाले चार कानून के छात्रों ने तर्क किया कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद भारत का पाकिस्तान के खिलाफ खेलना "राष्ट्रीय हित के खिलाफ" है और यह हमले में जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों और नागरिकों के बलिदान को कमतर आंकता है। उर्वशी जैन के नेतृत्व में चार विधि छात्रों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के विपरीत संदेश देता है। भारत और पाकिस्तान 2025 एशिया कप के लिए 14 सितंबर को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आमने-सामने होंगे।
याचिका में उठाए गए मुद्दे
याचिका में कहा गया है, ‘‘देशों के बीच क्रिकेट का उद्देश्य सद्भाव और मित्रता प्रदर्शित करना है। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब हमारे लोग मारे गए और हमारे सैनिकों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, तो पाकिस्तान के साथ खेलने से विपरीत संदेश गया कि हमारे सैनिक अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं, वहीं हम उसी देश के साथ खेल रहे हैं जो आतंकवादियों को पनाह दे रहा है।’’ याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘‘इससे उन लोगों के परिवारों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं, जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गंवाई। राष्ट्र की गरिमा और नागरिकों की सुरक्षा मनोरंजन से पहले आती है।’’ याचिका में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच ‘‘राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक’’ है और सशस्त्र बलों तथा पूरे राष्ट्र के मनोबल के लिए भी हानिकारक है।