सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुनवाई की तारीख तय की
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सुनवाई की तारीख 12 और 13 अगस्त निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं ने चिंता जताई है कि मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद कई नाम गायब हो गए हैं। अदालत ने इस मामले की न्यायिक समीक्षा करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, चुनाव आयोग को आधार और मतदाता पहचान पत्र को स्वीकार करने की प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया गया है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों योग्य नागरिक अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
Jul 29, 2025, 12:17 IST
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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 12 और 13 अगस्त को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं ने चिंता जताई थी कि 1 अगस्त को मसौदा सूची जारी होने के बाद कुछ व्यक्तियों के नाम सूची से गायब हो गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले की न्यायिक समीक्षा कर रहे हैं। यदि बड़ी संख्या में लोग सूची से बाहर हैं, तो हम त्वरित कार्रवाई करेंगे।
मतदाता सूची में समावेश का महत्व
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में सामूहिक समावेश होना चाहिए, न कि बहिष्कार। अदालत ने चुनाव आयोग को आधार और मतदाता पहचान पत्र को स्वीकार करने की प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया। दोनों दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर जोर देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। मसौदा सूची 1 अगस्त को और अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी, जबकि विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों योग्य नागरिक अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह टिप्पणी उस समय आई है जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई भाजपा सांसदों ने संसद भवन परिसर में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में संशोधन का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।