सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव की मतदाता सूची पर सुनवाई टाली

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव की मतदाता सूची के विशेष संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को 4 नवंबर तक स्थगित कर दिया है। इस दौरान, वकील प्रशांत भूषण ने चुनाव आयोग से अंतिम सूची में जोड़े और हटाए गए नामों की जानकारी प्रकाशित करने का अनुरोध किया। जस्टिस कांत ने चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पर विश्वास जताया और कहा कि यह मामला बंद नहीं किया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण सुनवाई के बारे में और क्या कहा गया।
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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव की मतदाता सूची पर सुनवाई टाली

बिहार चुनाव की मतदाता सूची पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव की मतदाता सूची पर सुनवाई टाली

सुप्रीम कोर्ट

बिहार में 6 और 11 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। इस संदर्भ में, चुनावी मतदाता सूची के विशेष संशोधन, जिसे एसाआईआर कहा जाता है, को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 4 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। आज की सुनवाई में, एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमल्या बागची की बेंच से अनुरोध किया कि चुनाव आयोग को अंतिम सूची में जोड़े और हटाए गए नामों की जानकारी प्रकाशित करने का आदेश दिया जाए।

बेंच ने बताया कि चुनाव आयोग इस सूची को प्रकाशित करने की प्रक्रिया में है। जस्टिस कांत ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस सूची को प्रकाशित करना आवश्यक है। कोर्ट ने आश्वासन दिया कि यह मामला बंद नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान, भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग को अंतिम मतदाता सूची को प्रकाशित करना चाहिए, जिसमें जोड़े और हटाए गए नामों के साथ-साथ उनके कारण भी शामिल होने चाहिए।

चुनाव आयोग की जिम्मेदारी

जस्टिस कांत ने कहा कि उन्हें कोई संदेह नहीं है कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाएगा और मतदाता सूची को प्रकाशित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला समाप्त नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के प्रारंभ में, वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग को अंतिम मतदाता सूची को प्रकाशित करना चाहिए, जिसमें जोड़े और हटाए गए नामों के कारण भी स्पष्ट किए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि आयोग ने प्रारंभिक सूची में हटाए गए मतदाताओं की पूरी जानकारी और अंतिम सूची में नई हटाई गई प्रविष्टियों का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि 20 अक्टूबर तक अंतिम सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा, लेकिन दुर्भाग्यवश, आयोग ने इसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया है, जो तुरंत किया जाना चाहिए।