सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक परिवर्तन कानूनों पर राज्यों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने आठ राज्यों को धार्मिक परिवर्तन कानूनों पर जवाब देने का निर्देश दिया है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई में हो रही है, जिसमें राज्यों के कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह ने तात्कालिक सुनवाई की आवश्यकता पर जोर दिया, यह कहते हुए कि ये कानून अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित कर रहे हैं। जानें इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में और अधिक जानकारी।
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सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक परिवर्तन कानूनों पर राज्यों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने आठ राज्यों को निर्देश दिया है कि वे उन याचिकाओं पर जवाब प्रस्तुत करें, जिनमें उनके द्वारा बनाए गए धार्मिक परिवर्तन कानूनों पर रोक लगाने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में बेंच ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड और कर्नाटक के धार्मिक परिवर्तन कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई की।


बेंच ने राज्यों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का समय दिया और कहा कि अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह, जो सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस की ओर से पेश हुए, ने कहा कि इस मामले की तात्कालिक सुनवाई आवश्यक है, क्योंकि राज्य इन कानूनों को और अधिक कठोर बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये कानून वास्तव में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करते हैं।