सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया
सुप्रीम कोर्ट की सख्त कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट मामलों पर सख्ती दिखाई है
सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम से संबंधित मामलों की सुनवाई की। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे पर सख्त निर्देश जारी करेगा। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अब हम चुप नहीं रहेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी बताया कि यह चिंताजनक है कि पीड़ितों से लगभग 3000 करोड़ रुपये की ठगी की गई है, और यह सब हमारे देश में हो रहा है।
सुनवाई के दौरान, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि गृह मंत्रालय की एक विशेष इकाई इस मामले में समन्वय कर रही है और कई कदम उठाए जा रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि हम कठोर आदेश नहीं देंगे, तो समस्या और बढ़ सकती है। हम इस पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे।
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
डिजिटल स्कैम के संबंध में गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके साथ ही, सीबीआई ने भी इसे रिकॉर्ड में लिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में डिजिटल अरेस्ट स्कैम की बढ़ती समस्याओं के समाधान के लिए स्वत: संज्ञान लिया है। पिछली सुनवाई में, अदालत ने सभी राज्यों को उनके द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, अदालत ने यह भी पूछा था कि क्या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पास देशभर में ऐसे मामलों को संभालने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
वरिष्ठ नागरिक दंपति का पत्र
यह मामला तब सामने आया जब एक वरिष्ठ नागरिक दंपति ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर बताया कि 1 से 16 सितंबर के बीच उनसे 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। धोखेबाजों ने कभी सीबीआई, कभी इंटेलिजेंस ब्यूरो और कभी न्यायपालिका के अधिकारियों के रूप में संपर्क किया। उन्होंने फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे संपर्क किया और गिरफ्तारी का डर दिखाकर पैसे वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश दिखाए।
