सुप्रीम कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की ज़मानत रद्द की

सुप्रीम कोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार की ज़मानत रद्द कर दी है, जो सागर धनखड़ हत्या मामले में मुख्य आरोपी हैं। यह निर्णय तब आया जब धनखड़ के पिता ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी। कोर्ट ने कुमार को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। जानें इस मामले की पूरी पृष्ठभूमि और कोर्ट के आदेश के पीछे की वजह।
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सुप्रीम कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की ज़मानत रद्द की

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने पहलवान और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की ज़मानत को रद्द कर दिया है। यह निर्णय तब आया जब पीड़ित सागर धनखड़ के पिता, अशोक धनखड़, ने उच्च न्यायालय के मार्च में दिए गए आदेश के खिलाफ अपील दायर की। सुशील कुमार, जो 4 मई, 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पूर्व जूनियर कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ पर हमले और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं, को इस साल की शुरुआत में न्यायमूर्ति संजीव नरूला द्वारा ज़मानत दी गई थी।


ज़मानत रद्द करने का आदेश

न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुशील कुमार की ज़मानत रद्द करने का आदेश दिया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। धनखड़ के पिता ने अपनी अपील में आरोप लगाया कि ओलंपियन ने मामले के एक महत्वपूर्ण गवाह को धमकाया था।


मामले की पृष्ठभूमि

धनखड़ हत्याकांड में सुशील कुमार को मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान, मार्च तक अभियोजन पक्ष के 186 गवाहों में से केवल 30 का ही परीक्षण किया गया था, जिसके कारण उच्च न्यायालय ने उन्हें ज़मानत दी थी। यह ज़मानत बाद में रद्द कर दी गई। वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कुमार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि सिद्धार्थ मृदुल धनखड़ के पिता की ओर से पेश हुए। कुमार के साथ, 17 अन्य व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या, आपराधिक साजिश, दंगा, अपहरण और डकैती से संबंधित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।