सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है। न्यायालय ने संस्थान से सवाल किया कि क्या छात्रों की आत्महत्या के कारणों पर विचार किया गया है। IIT खड़गपुर ने अदालत को बताया कि एक छात्र की आत्महत्या के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उन्होंने इस घटना को संस्थागत सुधार का एक उत्प्रेरक माना है। संस्थान ने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, विशेष रूप से वहां छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ ने सवाल उठाया कि आखिरकार IIT खड़गपुर में क्या समस्या है? छात्रों की आत्महत्या के पीछे के कारणों पर विचार किया गया है या नहीं? यह सुनवाई IIT खड़गपुर और शारदा विश्वविद्यालय में छात्रों की आत्महत्या से संबंधित एक स्वतः संज्ञान मामले की है। इससे पहले, अदालत ने इन दोनों संस्थानों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।


आईआईटी खड़गपुर का जवाब

आईआईटी खड़गपुर ने अदालत को बताया कि लगभग एक महीने पहले, चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एक छात्र ने अपने छात्रावास में आत्महत्या की थी, और उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की गई थी। संस्थान के हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस द्वारा आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, 18 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों के बाद दी गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि क्या पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और क्या प्राथमिकी दर्ज की गई, जैसा कि न्यायालय के 24 मार्च के फैसले में अनिवार्य है।


संस्थान की प्रतिक्रिया

आईआईटी खड़गपुर ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने इस घटना को संस्थागत सुधार के लिए एक उत्प्रेरक माना है। संस्थान ने पहले से लागू सुरक्षा उपायों के अलावा कई नए उपाय भी शुरू किए हैं। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं की गंभीरता को स्वीकार किया है और इन्हें सामाजिक और संस्थागत त्रासदियों के रूप में मान्यता दी है, जिसके लिए कठोर आत्मनिरीक्षण और प्रणालीगत सुधार की आवश्यकता है।