सुप्रीम कोर्ट के वक्फ अधिनियम पर आदेश का केंद्रीय मंत्री ने किया स्वागत

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत बताया। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी। रिजिजू ने कहा कि यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है और गरीब मुसलमानों के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार उन प्रावधानों पर विचार करेगी जिन पर रोक लगाई गई है।
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सुप्रीम कोर्ट के वक्फ अधिनियम पर आदेश का केंद्रीय मंत्री ने किया स्वागत

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का स्वागत किया। सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम निर्णय आने तक कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रभारी रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय हमारी संस्थाओं में विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने इसे हमारे लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत बताया।


सरकार का दृष्टिकोण

रिजिजू ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि हम वक्फ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने सुनवाई के दौरान सरकार के सभी पहलुओं को मजबूती से प्रस्तुत किया। यह हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस विषय पर संसद के दोनों सदनों में व्यापक चर्चा हुई। कुछ लोग अनावश्यक रूप से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हैं, लेकिन आप संसद के अधिकार को चुनौती नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने इस पहलू पर अपनी मुहर लगा दी है।


लोकतंत्र की मजबूती

संसद में विधेयक पर हुई व्यापक बहस का उल्लेख करते हुए, रिजिजू ने कहा कि यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और हमारी संस्थाओं में विश्वास को दर्शाता है। हम सभी समुदायों के लिए समावेशी विकास और न्याय की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संशोधित कानून गरीब मुसलमानों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और अनाथों को सीधे लाभ पहुंचाएगा। यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा, जो लंबे समय से चिंता का विषय रहा है।


सरकार का आगे का कदम

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार उन प्रावधानों पर विचार करेगी जिन पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगाई है। उन्होंने कहा, "हम प्रैक्टिसिंग मुसलमानों के मुद्दे पर विचार करेंगे, नियमों पर गौर करेंगे और देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।" सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम निर्णय आने तक इसके कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि संशोधित अधिनियम की कुछ धाराओं को संरक्षण की आवश्यकता है। अंतरिम आदेश पारित करते हुए, पीठ ने उस प्रावधान पर रोक लगा दी जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को पाँच साल तक इस्लाम का अनुयायी होना आवश्यक था।