सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का विरोध
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
पशु अधिकार कार्यकर्ता अंबिका शुक्ला
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एमसीडी को 8 हफ्तों का समय देते हुए कहा है कि आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें डॉग शेल्टर में भेजा जाए। इस आदेश के बाद डॉग लवर्स ने फिर से विरोध प्रदर्शन किया है।
अंबिका शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को नजरअंदाज करते हुए जानवरों को हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा 'वसुधैव कुटुम्बकम' है, जहां केवल इंसानों को जीने का अधिकार है।
‘क्या सिर्फ इंसानों को जीने का हक है’
रविवार (9 नवंबर) को पत्रकारों से बातचीत में अंबिका शुक्ला ने कहा कि यह निर्णय इंसाफ नहीं है। जानवर भी इस समाज का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि जब हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं, तो यह कैसे संभव है कि केवल इंसानों को जीने का अधिकार हो। उन्होंने कोर्ट से पहले सुनवाई करने की अपील की।
#WATCH | Delhi | On latest SC order on stray dogs in Delhi-NCR, Animal Rights Activist Ambika Shukla says, “… Supreme Court gave a free pass to firecrackers, saying that don’t remove pollution but remove animals… What kind of Vasudhaiva Kutumbakam’ is this, where only humans pic.twitter.com/iVspK7jU6d
— News Media (@NewsMedia) November 9, 2025
कोर्ट के आदेश पर भड़कीं अंबिका शुक्ला
उन्होंने कहा कि यह पहला आदेश है जिसमें केवल असत्यापित मीडिया रिपोर्ट्स का उल्लेख है, न कि किसी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट या वैज्ञानिक डेटा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई का अवसर देना चाहिए।
पशु प्रेमियों ने किया विरोध प्रदर्शन
बीते शनिवार को, पशु प्रेमियों ने झंडेवालान मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आवारा कुत्तों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। एक पशु देखभालकर्ता ने कहा कि यह निर्णय अनुचित है और वास्तविकता को नजरअंदाज करता है।
उन्होंने कहा कि जानवरों की देखभाल के लिए न तो पर्याप्त आश्रय हैं और न ही प्रशिक्षित कर्मचारी। जानवरों को उनके परिचित स्थानों से हटाने से उनकी समस्याएं बढ़ेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करें। कोर्ट ने स्कूलों, अस्पतालों और रेलवे स्टेशनों में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं का हवाला देते हुए नगर निकायों को कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
