सुप्रीम कोर्ट की विवाह पर टिप्पणी: स्वतंत्रता और निर्भरता का महत्व

सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के संदर्भ में निर्भरता और स्वतंत्रता के मुद्दे पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन ने कहा कि विवाह में पति या पत्नी के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का दावा करना असंभव है। यह टिप्पणी एक दंपति के विवाद की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें बच्चों की भलाई पर भी चिंता व्यक्त की गई। जानें इस मामले में और क्या हुआ और कोर्ट ने क्या कहा।
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सुप्रीम कोर्ट की विवाह पर टिप्पणी: स्वतंत्रता और निर्भरता का महत्व

विवाह में निर्भरता का महत्व

सुप्रीम कोर्ट ने विवाह और निर्भरता के मुद्दे पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी पति या पत्नी के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का दावा करना असंभव है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने यह चेतावनी दी कि जो लोग एक-दूसरे पर निर्भर रहने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें विवाह के बंधन में नहीं बंधना चाहिए। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि विवाह का अर्थ है दो आत्माओं और व्यक्तियों का मिलन, और कोई भी साथी यह नहीं कह सकता कि वह अपने जीवनसाथी से पूरी तरह स्वतंत्र रहना चाहता है। 


दंपति के विवाद की सुनवाई

यह टिप्पणी एक अलग रह रहे दंपति और उनके दो नाबालिग बच्चों से संबंधित विवाद की सुनवाई के दौरान आई। पति, जो सिंगापुर में कार्यरत है, वर्तमान में भारत में है, जबकि पत्नी हैदराबाद में निवास करती है। पीठ ने बच्चों की भलाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि दंपति एक साथ आ जाएं, तो यह बच्चों के लिए बेहतर होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुई पत्नी ने कहा कि उसके पति की रुचि केवल हिरासत और मुलाकात में है, सुलह में नहीं। उसने यह भी बताया कि उसे गुज़ारा भत्ता नहीं मिला है, जिससे उसकी स्थिति कठिन हो गई है। 


सिंगापुर लौटने का सवाल

पीठ ने पत्नी से पूछा कि वह सिंगापुर क्यों नहीं लौट सकती, जहां उनकी और उनके पति की "सबसे अच्छी नौकरियाँ" थीं। पत्नी ने उत्तर दिया कि उसके पति के पिछले कार्यों के कारण उसके लिए वापस जाना लगभग असंभव हो गया है। उसने अपनी आजीविका के लिए काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जब पत्नी ने कहा कि वह किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती, तो न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, "आप ऐसा नहीं कह सकतीं। शादी के बाद, आप आर्थिक या भावनात्मक रूप से अपने जीवनसाथी पर निर्भर हो जाती हैं। यदि आप किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती थीं, तो आपने शादी क्यों की?"