सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल न करने पर प्रॉपर्टी का ट्रांसफर होगा शून्य
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बुजुर्गों के अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। इस निर्णय के अनुसार, यदि संतान अपने बुजुर्ग माता-पिता से संपत्ति या उपहार प्राप्त करने के बाद उनकी देखभाल नहीं करती है, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे बच्चों को अपनी संपत्ति या उपहार लौटाने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
इस निर्णय से स्पष्ट है कि संतान को अपने बुजुर्ग माता-पिता का भरण-पोषण करना अनिवार्य है। यदि वे उन्हें अकेला छोड़ते हैं, तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि संतान माता-पिता की देखभाल नहीं करती है, तो उन्हें दिए गए सभी संपत्ति और उपहार वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम (Welfare of the Parents and Senior Citizens Act) के तहत रद्द किए जा सकते हैं। इस निर्णय से वरिष्ठ नागरिकों को काफी लाभ होगा और उम्मीद है कि बच्चे अपने माता-पिता का ध्यान रखेंगे।
प्रॉपर्टी का ट्रांसफर होगा शून्य
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कई बच्चे अपने माता-पिता को संपत्ति और उपहार मिलने के बाद नजरअंदाज कर देते हैं। अब, बच्चों को संपत्ति और उपहार प्राप्त करने के लिए एक शर्त का पालन करना होगा। इस शर्त के अनुसार, माता-पिता की देखभाल करना और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना बच्चों की जिम्मेदारी है। यदि वे इस शर्त का पालन नहीं करते हैं और माता-पिता को अकेला छोड़ देते हैं, तो उनकी संपत्ति और उपहार वापस ले लिए जाएंगे और प्रॉपर्टी का ट्रांसफर शून्य घोषित कर दिया जाएगा।
