सुप्रीम कोर्ट का दिवाली पर ग्रीन पटाखों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के अवसर पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है। नए आदेश के अनुसार, सुबह और रात के निर्धारित समय में पटाखे जलाए जा सकेंगे। पुलिस गश्ती दल यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बिकें। ऑनलाइन बिक्री पर रोक और पारंपरिक पटाखों की तस्करी पर चिंता जताई गई है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की वजहें और दिशा-निर्देश।
Oct 15, 2025, 12:13 IST
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस दिवाली के अवसर पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने यह निर्णय सुनाया। नए आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे के बीच पटाखे जलाए जा सकेंगे।
पुलिस की निगरानी
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलिस अधिकारी गश्ती दल बनाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बाजार में उपलब्ध हों। नियमों का उल्लंघन करने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और नोटिस जारी किया जाएगा। इसके अलावा, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइटों पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
पर्यावरण और उद्योग का संतुलन
अदालत ने सॉलिसिटर जनरल और न्याय मित्र के सुझावों के साथ-साथ उद्योग की चिंताओं पर विचार किया। बेंच ने कहा कि पारंपरिक पटाखों की तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। अदालत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उद्योग और पर्यावरण दोनों के हितों की रक्षा हो सके।
हरियाणा के जिलों पर प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेख किया कि हरियाणा के 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर का हिस्सा हैं, इसलिए यह आदेश पूरे एनसीआर क्षेत्र में लागू होगा। इस निर्णय के साथ, दिवाली पर दिल्ली और एनसीआर के लोग निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत ग्रीन पटाखे जला सकेंगे, जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं।
ग्रीन पटाखों की अनुमति
CJI गवई की बेंच ने 26 सितंबर को उन प्रमाणित निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की अस्थायी अनुमति दी थी, जिनके पास NEERI और PESO से परमिट हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
ग्रीन पटाखों पर भी सख्त रहा है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हवा में प्रदूषण का स्तर लंबे समय से खतरनाक बना हुआ है। जब तक यह साबित नहीं होता कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण में कमी आती है, तब तक इन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में स्वस्थ जीवन और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार शामिल है।
पिछले आदेशों का संदर्भ
इससे पहले, जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों द्वारा एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश को बढ़ा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 17 जनवरी तक लागू प्रतिबंध को अगले आदेश तक जारी रखा जाए।