सुखबीर सिंह बादल ने मजीठिया के समर्थन में हिरासत की निंदा की

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को पुलिस द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं की हिरासत की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लागू किया है। बिक्रम सिंह मजीठिया के समर्थन में जा रहे कार्यकर्ताओं को रोका गया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और सुखबीर बादल का क्या कहना है।
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सुखबीर सिंह बादल ने मजीठिया के समर्थन में हिरासत की निंदा की

मोहाली में पुलिस की कार्रवाई पर सुखबीर सिंह बादल की प्रतिक्रिया

शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार पार्टी के सदस्य बिक्रम सिंह मजीठिया के समर्थन में मोहाली जा रहे कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पार्टी के अनुसार, अमृतसर, ब्यास और अन्य क्षेत्रों में उनके कई कार्यकर्ताओं को उनके घरों में नजरबंद किया गया है। मजीठिया को बुधवार को मोहाली की अदालत में पेश किया जाएगा, क्योंकि उनकी सात दिन की विजिलेंस रिमांड समाप्त हो रही है। मोहाली में विजिलेंस ब्यूरो कार्यालय और जिला अदालत के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है。


सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जब वे मोहाली में गुरुद्वारे की ओर बढ़ रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोक लिया और हिरासत में ले लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पर नियंत्रण कर लिया है और राज्य के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है। बादल ने कहा कि केजरीवाल यहां 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आए हैं और उन्होंने राज्य में आपातकाल की स्थिति बना दी है।


बादल ने यह भी कहा कि भगवंत मान की सरकार ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है। आम आदमी पार्टी द्वारा झूठे मामलों में फंसाए गए बिक्रम सिंह मजीठिया के समर्थन में मोहाली जा रहे अकाली कार्यकर्ताओं को उनके घरों में ही हिरासत में लिया जा रहा है, और प्रमुख सड़कों पर भी उन्हें रोका जा रहा है। बादल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "यह दमनकारी कार्रवाई कायरता है। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान बिक्रम के लिए बढ़ते समर्थन से चिंतित हैं।"


विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को 540 करोड़ रुपये से अधिक के "ड्रग मनी" को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मोहाली की अदालत ने 26 जून को उन्हें सात दिन की विजिलेंस रिमांड पर भेज दिया था। मजीठिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर में विजिलेंस ब्यूरो ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि 540 करोड़ रुपये से अधिक के "ड्रग मनी" को कई तरीकों से सफेद किया गया था और मजीठिया ने इसमें सहायता की थी।