सीबीआई ने कुलदीप सेंगर केस में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कुलदीप सेंगर की जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। यह मामला उन्नाव रेप केस से जुड़ा है, जिसमें सेंगर को पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में उसकी सजा को निलंबित कर जमानत दी थी, जिस पर सीबीआई ने आपत्ति जताई है। जानें इस मामले की जटिलताएँ और सीबीआई की दलीलें।
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सीबीआई ने कुलदीप सेंगर केस में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

कुलदीप सेंगर मामले में सीबीआई की अपील

सीबीआई ने कुलदीप सेंगर केस में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

कुलदीप सेंगर केस.

उन्नाव रेप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानत दी गई थी। सीबीआई ने इस संबंध में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है। इससे पहले, दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने सेंगर को रेप मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

उम्रकैद के साथ-साथ निचली अदालत ने सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सेंगर ने जनवरी 2020 में अपनी सजा के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी। मार्च 2022 में उसने सजा निलंबन के लिए याचिका दायर की, जिसका सीबीआई और पीड़िता ने कड़ा विरोध किया।

दोनों पक्षों ने अदालत में तर्क दिया कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और दोषी को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलनी चाहिए। इसके बावजूद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर 2025 को अपील के निपटारे तक सेंगर की सजा निलंबित कर दी और कुछ शर्तों के साथ जमानत दी। हालांकि, सेंगर को फिलहाल जेल से बाहर नहीं आना है।

इसका कारण यह है कि वह एक अन्य सीबीआई मामले में हत्या का दोषी भी है, जिसमें उसे 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। अब उच्च न्यायालय के फैसले का गहन अध्ययन करने के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। एजेंसी का कहना है कि इतने गंभीर अपराध में सजा निलंबित कर जमानत देना न्याय के हित में नहीं है.