सीबीआई ने अवैध कॉल सेंटर से जुड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी को पकड़ा

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक अवैध कॉल सेंटर से जुड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी विकास कुमार निमर को गिरफ्तार किया है। वह पिछले एक साल से फरार था और लखनऊ में एक और अवैध कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था। सीबीआई ने उसके खिलाफ छापेमारी की, जिसमें 52 लैपटॉप और अन्य डिजिटल सबूत बरामद हुए। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सीबीआई की कार्रवाई के बारे में।
 | 
सीबीआई ने अवैध कॉल सेंटर से जुड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी को पकड़ा

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को एक साइबर धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने की जानकारी दी है, जो अवैध कॉल सेंटर से संबंधित है।


सीबीआई के अनुसार, ये कॉल सेंटर मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे।


गिरफ्तारी की जानकारी

एजेंसी ने बताया कि आरोपी विकास कुमार निमर, जो ‘वीसी इंफ्रोमेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी की अवैध गतिविधियों में शामिल था, पिछले हफ्ते लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। वह एक साल से अधिक समय से फरार था।


छापेमारी का विवरण

निमर की लखनऊ में मौजूदगी की सूचना मिलने पर, सीबीआई ने वहां छापेमारी की। छापे के दौरान, वह एक और अवैध कॉल सेंटर का संचालन करते हुए पाया गया।


बयान में कहा गया है कि इस कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। सीबीआई ने बताया, 'तलाशी अभियान के दौरान लखनऊ में एक और अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया।'


महत्वपूर्ण सबूतों की बरामदगी

तलाशी के दौरान, 52 लैपटॉप बरामद किए गए, जिनमें साइबर अपराध से संबंधित महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत मौजूद थे। ये लैपटॉप अवैध गतिविधियों में उपयोग किए जा रहे थे।


सीबीआई ने 24 सितंबर 2024 को पुणे, हैदराबाद और विशाखापत्तनम से संचालित चार अवैध कॉल सेंटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।


निमर की भूमिका

एजेंसी ने कहा, 'विकास कुमार निमर ने पुणे और विशाखापत्तनम में अवैध कॉल सेंटर 'वीसी इंफ्रोमेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड' की स्थापना और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह मामले दर्ज होने के बाद से फरार था।'


सीबीआई के अनुसार, निमर की गिरफ्तारी के लिए पुणे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा वारंट जारी किया गया था।