सीतापुर में पत्रकार की हत्या के शूटरों का एनकाउंटर: पुलिस की बड़ी सफलता

सीतापुर के जल्लापुर में पुलिस ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्यारों का एनकाउंटर किया। यह मुठभेड़ एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
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सीतापुर में पत्रकार की हत्या के शूटरों का एनकाउंटर: पुलिस की बड़ी सफलता

घातक मुठभेड़ का विवरण


सीतापुर के पिसावा थाना क्षेत्र के जल्लापुर में देर रात पुलिस और अपराधियों के बीच एक गंभीर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्यारे, राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अकील, मारे गए। यह कार्रवाई एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की गई।


मुठभेड़ की पृष्ठभूमि

ये शूटर काफी समय से फरार थे और इन पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पत्रकार की हत्या के बाद से पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई थी। गुरुवार रात जल्लापुर में हुई इस मुठभेड़ ने सीतापुर पुलिस और एसटीएफ की मेहनत को सफल बनाया।


पत्रकार की हत्या की घटना

8 मार्च 2025 को, पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई को अचानक एक कॉल आई, जिसके बाद वे घर से बाहर निकले। लगभग एक घंटे बाद उनकी हत्या की सूचना पुलिस और परिवार को मिली। प्रारंभिक जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की गई, लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली, तो मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई।


निष्कर्ष

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई के हत्यारों का एनकाउंटर न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह घटना कानून व्यवस्था और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत है। पुलिस और एसटीएफ ने इस मुठभेड़ के माध्यम से यह संदेश दिया है कि अपराधी कानून से बच नहीं सकते।


उम्मीद है कि इससे पत्रकारों की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।