सीडीएस अनिल चौहान को मिली नई जिम्मेदारियां, मोदी सरकार का बड़ा कदम
मोदी सरकार ने सीडीएस अनिल चौहान को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें संयुक्त निर्देश और आदेश जारी करने का अधिकार दिया है। यह कदम सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और 'थिएटराइजेशन मॉडल' के तहत किया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण बदलाव के पीछे की वजहें और अनिल चौहान की भूमिका।
Jun 25, 2025, 11:55 IST
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सीडीएस अनिल चौहान की नई शक्तियां
ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद, मोदी सरकार ने सीडीएस अनिल चौहान की जिम्मेदारियों में वृद्धि की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जनरल अनिल चौहान को संयुक्त निर्देश और आदेश जारी करने का अधिकार दिया है। यह बदलाव उस पुरानी प्रणाली में किया गया है, जिसमें विभिन्न सेनाओं के आदेश अलग-अलग जारी किए जाते थे। यह कदम सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल और एकता के लिए 'थिएटराइजेशन मॉडल' को लागू करने के प्रयासों का हिस्सा है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पहले संयुक्त आदेश का प्रकाशन मंगलवार को किया गया।
इस आदेश का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अतिरेक को समाप्त करना और अंतर-सेवा सहयोग को बढ़ावा देना है। रक्षा मंत्रालय ने सीडीएस को शक्तियां देने को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मंत्रालय ने कहा, 'सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के तहत, रक्षा मंत्री ने सीडीएस और सैन्य मामलों के सचिव को तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त निर्देश और आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है।' यह पहल तीनों सेनाओं में पारदर्शिता, समन्वय और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देगी। थियेटराइजेशन मॉडल के तहत, सरकार सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करने और युद्धों के लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग करने का प्रयास कर रही है।
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अनिल चौहान, जो 30 सितंबर 2022 को भारत के दूसरे Chief of Defence Staff (CDS) बने, पहले ऐसे CDS हैं जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद फिर से चार-सितारा रैंक पर नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के साथ, उन्होंने त्रि-सेवा समन्वय, Department of Military Affairs के सचिव और Chiefs of Staff Committee के स्थायी अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला। जनरल अनिल चौहान का कमीशन 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में हुआ था। उन्होंने 'ऑपरेशन सनराइज' और बालाकोट स्ट्राइक की रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। CDS के रूप में, उन्होंने थिएटराइजेशन को आगे बढ़ाते हुए त्रि-सेवा सहयोग को मजबूत किया और ऑपरेशन सिंदूर का सफलतापूर्वक संचालन किया।