सी. पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन, एनडीए का समर्थन

राधाकृष्णन को एनडीए सांसदों द्वारा सम्मानित किया गया
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन को मंगलवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों की बैठक में सम्मानित किया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री तथा प्रमुख नेता शामिल हुए। राधाकृष्णन बुधवार को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग को लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों वाले निर्वाचक मंडल में पूर्ण बहुमत प्राप्त है, जिससे राधाकृष्णन की जीत की संभावना काफी अधिक मानी जा रही है। इस बीच, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने संकेत दिए हैं कि वह अपना उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का सर्वसम्मति से समर्थन का आह्वान
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से सी. पी. राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की है। यह अपील एनडीए संसदीय दल की बैठक में की गई, जहां राधाकृष्णन को औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से एनडीए के उम्मीदवार के समर्थन में एकजुट होने का आह्वान किया और बताया कि राधाकृष्णन ने सादगी और ईमानदारी से जनसेवा का जीवन बिताया है।
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 मई, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। उन्होंने 1973 में 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। बाद में उन्होंने जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के माध्यम से अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाया। 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट जीतने के बाद उनके राजनीतिक जीवन को गति मिली।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्य
राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2024 में उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का कार्यभार संभाला। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। उनके संगठनात्मक कौशल और दक्षिणी राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु में योगदान के कारण उनका कद पार्टी में मजबूत बना रहा है।