सियाचिन में भारतीय सेना ने बचाया भालू का जीवन, जानें पूरी कहानी
भालू का रेस्क्यू
भालू का रेस्क्यू
भारतीय सेना की वीरता के किस्से तो आम हैं, लेकिन यह सेना केवल युद्ध में ही नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में भी आगे रहती है। हाल ही में, सियाचिन ग्लेशियर में तैनात जवानों ने एक हिमालयी भूरे भालू के बच्चे की जान बचाकर एक नई मिसाल पेश की। भालू का सिर एक टिन के डिब्बे में फंस गया था, जिससे वह कई दिनों तक भूखा-प्यासा बर्फीले इलाके में भटकता रहा।
भालू का मुंह इस तरह से फंसा था कि वह कुछ देख नहीं पा रहा था।
सेना ने तुरंत किया रेस्क्यू
भारतीय सेना के जवान अक्सर इस भालू और उसकी मां को खाना देते थे, लेकिन कुछ दिनों से वे दिखाई नहीं दिए। जब एक जवान ने भालू को देखा, तो वह परेशान होकर इधर-उधर घूम रहा था। जवानों ने उसकी स्थिति को देखकर तुरंत एक्शन लिया।
Proud of our Army 💪
*A Heartwarming Story From Indian Army*
One Grizzly Bear (Himalayan Brown Bear) family used to visit us at xxxx post in Siachen. Initially, only during nights.
We started keeping food for the family.
Their confidence in us developed over a period, and pic.twitter.com/yRgofOnrnR— MG 🇮🇳 (@mgnayak5) November 1, 2025
कंपनी कमांडर ने जोखिम उठाते हुए जवानों के साथ मिलकर रेस्क्यू किया। रस्सियों की मदद से भालू को सुरक्षित स्थान पर लाया गया और टिन का डिब्बा सावधानीपूर्वक काटकर हटाया गया। इसके बाद भालू जवानों का मित्र बन गया, और उसका नाम ‘बहादुर’ रखा गया।
पोस्ट का हिस्सा बना बहादुर
रेस्क्यू के बाद ‘बहादुर’ अब पोस्ट का एक हिस्सा बन गया है और समय-समय पर वहां आता है। यह घटना सियाचिन में तैनात भारतीय सैनिकों की संवेदनशीलता और साहस को दर्शाती है। इसके अलावा, भालू के लिए सैनिक कुत्ते भी बांधकर रखते हैं।
