सिद्धारमैया का आरएसएस पर हमला: अंधविश्वास और सामाजिक बदलाव की अपील

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हाल ही में अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि लोगों को सनातनियों से दूर रहना चाहिए और संघ से सतर्क रहना चाहिए। उनका कहना है कि आरएसएस ने हमेशा डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का विरोध किया है।
सिद्धारमैया ने समाज से प्रगतिशील और तर्कसंगत विचारों को अपनाने की अपील की है। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए अंधविश्वासों को छोड़ने की बात की है, जिससे समाज सही दिशा में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कई देशों के संविधान का अध्ययन किया और भारत के लिए सबसे उपयुक्त संविधान तैयार किया।
सीएम ने कहा कि हमें अपनी संगति का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। समाज के उत्थान के लिए काम करने वालों के साथ रहना चाहिए, न कि उन सनातनियों के साथ जो सामाजिक परिवर्तन का विरोध करते हैं।
कट्टरपंथी सोच का जिक्र
मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना का उल्लेख किया और इसे समाज में गहरी जड़ें जमाए रूढ़िवादिता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “एक ‘सनातनी’ द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकना दर्शाता है कि समाज में अभी भी ‘सनातनी’ और रूढ़िवादी तत्व मौजूद हैं। इस घटना की निंदा हर भारतीय को करनी चाहिए।”
आरएसएस का अंबेडकर विरोध
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि आरएसएस और संघ परिवार ने हमेशा अंबेडकर के विचारों का विरोध किया है और संविधान के मूल्यों को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “वे झूठ फैला रहे हैं कि कांग्रेस ने चुनावों में अंबेडकर को हराया था, लेकिन सच्चाई वही है जो अंबेडकर ने खुद लिखी थी। ‘सावरकर और डांगे ने मुझे हराया है’ संघ परिवार के झूठ को उजागर करने के लिए ऐसी सच्चाइयों को समाज के सामने लाना चाहिए।”
अंधविश्वास को छोड़ने की अपील
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें बुद्ध, बसव और अंबेडकर के विचारों से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रगति का मार्गदर्शन तार्किकता को करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि तार्किकता और वैज्ञानिक सोच का विकास होगा। “ऐसे व्यक्ति न बनें जो विज्ञान का अध्ययन करते हैं, लेकिन फिर भी अंधविश्वासों का पालन करते हैं।”