सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: सूतक काल और नियम

सितंबर 2025 में होने वाले चंद्र ग्रहण की जानकारी प्राप्त करें, जिसमें सूतक काल का समय और इसके दौरान पालन करने वाले महत्वपूर्ण नियम शामिल हैं। यह ग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा, और इसके साथ जुड़ी धार्मिक गतिविधियों और सावधानियों के बारे में जानें। इस लेख में हम सूतक काल की शुरुआत और इसके नियमों पर चर्चा करेंगे, जो आपको इस अद्भुत खगोलीय घटना के दौरान मार्गदर्शन करेंगे।
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सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: सूतक काल और नियम

चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल


चंद्र ग्रहण सूतक काल: वर्ष 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को होगा, जो भारत सहित कई स्थानों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट होगी। ग्रहण का आरंभ रात 9:57 बजे होगा और इसका पूर्ण चरण 11:01 बजे से 12:23 बजे तक चलेगा, जो लगभग 1 घंटे 22 मिनट तक रहेगा।

सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: सूतक काल और नियम

ग्रहण के आरंभ होने से पहले सूतक काल शुरू होता है, जो इस समय का एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय चरण है। सूतक काल के दौरान धार्मिक और शुभ कार्यों से बचना चाहिए, और भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए। आइए जानते हैं कि 7 सितंबर के चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब शुरू होगा और किन नियमों का पालन करना आवश्यक है।


सूतक काल कब शुरू होगा?

चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:57 बजे शुरू होगा। इसके अनुसार, सूतक काल ग्रहण के आरंभ से लगभग 9 घंटे पहले, यानी 7 सितंबर को दोपहर 1:57 बजे शुरू होगा। जैसे ही सूतक काल शुरू होता है, सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं। इस समय तुलसी की पत्तियाँ या दुर्वा को खाद्य पदार्थों में मिलाना शुभ माना जाता है। चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में देखा जाएगा, इसलिए सूतक काल भी भारत में मान्य होगा। इस समय सावधानी बरतना और नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।


ग्रहण का समय और नियम

चंद्र ग्रहण के लिए, सूतक काल ग्रहण के आरंभ से 9 घंटे पहले शुरू होता है।

सूर्य ग्रहण के लिए, सूतक काल ग्रहण के आरंभ से 12 घंटे पहले शुरू होता है।

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के सूतक काल में 3 घंटे का अंतर होता है।

इस समय भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए।

सभी मंदिरों के दरवाजे बंद होते हैं।

ग्रहण काल के दौरान भोजन और पेय का सेवन वर्जित है।

इस समय पूजा या अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
घर और मंदिर की सफाई की जाती है।

दान और धार्मिक गतिविधियाँ की जाती हैं।


सूतक काल के नियम

सूतक काल के दौरान पूजा करने से बचना चाहिए।

इस समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से बचना चाहिए ताकि वे और उनका घर सुरक्षित रहें।

सूतक काल के दौरान बाल या नाखून काटना उचित नहीं माना जाता है। इस समय शरीर की स्वच्छता से संबंधित इन चीजों से बचना चाहिए।

सूतक काल के दौरान सभी खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्तियाँ मिलानी चाहिए, क्योंकि इससे भोजन शुद्ध रहता है।

इस समय भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए और अपने इष्ट देवता को याद रखना चाहिए, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

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