सिघांड़े के स्वास्थ्य लाभ और आयुर्वेदिक गुण

सिघांड़ा एक तिकोना आकार का मौसमी फल है, जो तालाबों में उगता है और स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। इसमें विटामिन A, B, C और अन्य पोषण तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं। इसके आयुर्वेदिक गुण जैसे पीलिया में लाभ, आंखों की रोशनी में सुधार और कमजोरी दूर करने की क्षमता इसे विशेष बनाते हैं। जानें सिघांड़े के और भी स्वास्थ्य लाभ और इसके उपयोग के तरीके।
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सिघांड़े के स्वास्थ्य लाभ और आयुर्वेदिक गुण

सिघांड़े का परिचय


सिघांड़ा एक तिकोना आकार का मौसमी फल है, जो तालाबों में बेल पर उगता है। यह फल पानी में बढ़ता है और इसमें कई पोषण तत्व होते हैं। सिघांड़े का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि इसका आटा पीसकर लपसी बनाना, आचार बनाना या सीधे खाना। इसके पोषण तत्व व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसमें विटामिन A, B और C की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही यह खनिज लव्ज़ा और कार्बोहाइड्रेट से भी समृद्ध है।


सिघांड़े के पोषण तत्व

सिघांड़े में कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जैसे एमिलोज, प्रोटीन, फैट, फास्फोराइलेज, थायमाइन, विटामिन A, C और मैग्नीज, टैनिन और सिट्रिड एसिड।


आयुर्वेदिक गुण

पीलिया जैसी बीमारियों में सिघांड़ा कच्चा या उसका जूस पीने से शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे रोगी को काफी लाभ होता है।


सिघांड़ा खाने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है, क्योंकि इसमें विटामिन A होता है।


जो लोग खरोंध जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं, उन्हें अधिक सिघांड़ा खाना चाहिए, क्योंकि इसमें रक्त स्तंभक गुण होते हैं।


यदि कोई व्यक्ति दुबला है और कमजोरी महसूस कर रहा है, तो उसे रोज सिघांड़ा खाना चाहिए, जिससे उसकी कमजोरी दूर हो सकती है और शरीर में नई ऊर्जा आएगी।