साधु संतों का माघ मेला पर हंगामा: प्रशासन पर आरोप

प्रयागराज में माघ मेले से पहले साधु संतों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने वेंडर्स की मनमानी और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की, जबकि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने जवाब दिया कि वर्तमान सरकार ने माघ मेले के लिए बजट को बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और संतों की नाराजगी के कारण।
 | 
साधु संतों का माघ मेला पर हंगामा: प्रशासन पर आरोप

साधु संतों का प्रदर्शन

साधु संतों का माघ मेला पर हंगामा: प्रशासन पर आरोप

माघ मेला से पहले भड़के संत

हाल ही में प्रयागराज में साधु संतों ने मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। एक साधु ने सरकारी वाहन के सामने लेटकर विरोध जताया, जबकि अन्य समर्थकों ने भी हंगामा किया। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद संतों का गुस्सा शांत हुआ। इससे पहले, मीटिंग के दौरान भी हंगामा हुआ था।

संतों ने माघ मेले में मौजूद समस्याओं पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और वेंडर्स पर मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने मेला प्रशासन पर वेंडर्स के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्थिति के कारण कई साधु संत ठंड में रात बिताने को मजबूर हैं।


अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया। उन्होंने ट्वीट किया कि किसी एक व्यक्ति का अहंकार सच्चे साधु संतों के सम्मान से बड़ा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कुंभ और माघ मेले की परंपरा रही है कि अधिकारी साधु संतों का आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार में साधु संतों को अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।


केशव मौर्य का जवाब

केशव मौर्य ने किया अखिलेश पर पलटवार

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने माघ मेले के कार्यों का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को अधूरे कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के शासन में माघ मेले के लिए 30 करोड़ का बजट था, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया है। माघ मेला 3 जनवरी से शुरू होने वाला है, लेकिन संतों की नाराजगी और राजनीतिक विवाद अभी भी जारी है।