सागर में हिंदू परिवारों का पलायन: मांस और उपद्रव से बिगड़ता माहौल
सागर में बिगड़ते हालात

सागर में मांस और उपद्रव से बिगड़ता माहौल
हिंदू परिवारों का पलायन जारी
सागर शहर में पिछले कुछ वर्षों से हिंदू परिवारों का पलायन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां का माहौल ऐसा बनता जा रहा है कि रहना कठिन हो रहा है। गलियों में मांस के टुकड़े फेंके जाने और उपद्रव की घटनाएं आम हो गई हैं।
परिवारों का स्थानांतरण
शुक्रवारी और शनीचरी वार्ड में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि आधा सैकड़ा से अधिक हिंदू परिवार अपने घर बेचकर अन्य स्थानों पर चले गए हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि सड़कों पर गंदगी फेंकी जाती है और गलियों में मांस के टुकड़े डाले जाते हैं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएँ
हृदेश पाटकर, लाजपतपुरा, वार्ड 11:
“पिछले कुछ वर्षों से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। आसपास के दूसरे समुदाय के लोग परेशान करने लगे हैं। यदि यही हालात रहे, तो हमें भी जाना पड़ेगा। यहां सरकारी जमीन पर भी कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है।”
उमाशंकर, स्थानीय निवासी:
“यहां आते-जाते छींटाकशी आम बात हो गई है। ऐसी परिस्थितियां बनाई जाती हैं कि हिंदू परिवार परेशान हों और संपत्ति बेचकर चले जाएं। कभी-कभी यह स्थिति आपसी टकराव तक पहुंच जाती है।”
मानव अधिकार आयोग की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने 5 अक्टूबर को सागर प्रवास के दौरान प्रशासन को निर्देश दिए थे। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने केवल निर्देश जारी किए और कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
ओंकार सिंह, पूर्व सदस्य, राज्य बाल अधिकार आयोग:
“निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया गया। यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो पुनः जांच कराई जाएगी।”
प्रशासन का बयान
अमन मिश्रा, एसडीएम:
“फिलहाल स्थिति सामान्य है। सभी समुदायों के लोग मकान खरीद और बेच रहे हैं। पहले भी जांच की गई थी और यदि कोई समस्या आती है, तो पुनः जांच कराई जाएगी।”
