साइबर फ्रॉड से बचने के लिए दूरसंचार विभाग की नई पहल

हाल के समय में साइबर फ्रॉड के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसमें धोखेबाज खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। दूरसंचार विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने की पहल की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को फर्जी कॉल्स की रिपोर्ट करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता संदेश सुनाने का आदेश दिया गया है। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे आप सुरक्षित रह सकते हैं।
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साइबर फ्रॉड से बचने के लिए दूरसंचार विभाग की नई पहल

साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामले

हाल के दिनों में साइबर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। धोखेबाज विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में डिजिटल अरेस्ट स्कैम के कई उदाहरण देखे गए हैं, जिसमें धोखेबाज खुद को पुलिस या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को धोखा देने का प्रयास कर रहे हैं। यदि आप भी स्कैम कॉल्स से परेशान हैं, तो आप इन्हें रिपोर्ट कर सकते हैं।


DoT की जागरूकता पहल

दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा की है। इस पोस्ट में DoT ने सलाह दी है कि यदि आपको LIC, IRDAI, आयकर विभाग या बैंकों के नाम पर फर्जी कॉल मिलती है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें, 1930 पर कॉल करें, या http://sancharsaathi.gov.in पर रिपोर्ट करें।


साइबर सुरक्षा के लिए कॉलर ट्यून में बदलाव

हाल ही में, DoT ने टेलीकॉम कंपनियों जैसे रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों तक अपने ग्राहकों को दिन में 8-10 बार साइबर अपराध के बारे में जागरूक करने वाले संदेश सुनाएं। इसका उद्देश्य लोगों को साइबर फ्रॉड के प्रति सजग करना है। टेलीकॉम ऑपरेटरों को इस निर्देश का तुरंत पालन करने के लिए कहा गया है।


कॉलर ट्यून का नया प्रारूप

कॉलर ट्यून भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा प्रदान की जाएगी। इसे प्री-कॉल अनाउंसमेंट या रिंगबैक टोन के रूप में बजाया जाएगा, ताकि लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके।