साइबर ठगी का नया तरीका: रिश्तेदार की आवाज का क्लोन बनाकर ठगना

साइबर ठगी का नया तरीका
रिश्तेदार बनकर कॉल करके ठगी करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब जालसाजों ने तकनीक का सहारा लेकर एक नया तरीका खोज निकाला है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ये ठग लोगों के करीबी रिश्तेदारों की आवाज का क्लोन तैयार करते हैं और फिर उनकी मेहनत की कमाई लूट लेते हैं।
कानपुर में बुजुर्ग का शिकार
एक रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर के एक बुजुर्ग व्यक्ति को इस तरह के ठगी का शिकार बनाया गया। अपराधियों ने उनके रिश्तेदार की आवाज का क्लोन बनाकर, जो सऊदी अरब में रहते हैं, उनसे 1 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठग ने व्हाट्सऐप कॉल के जरिए ऑपरेशन की बात कहकर पैसे मंगवाए।
कैसे काम करता है यह तरीका?
अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, वॉइसमेल और पुराने कॉल रिकॉर्डिंग से कुछ सेकंड का ऑडियो निकालते हैं। इसके बाद, उसी ऑडियो का AI क्लोन तैयार किया जाता है, जो सुनने में असली आवाज के समान लगता है। इसके बाद, ठग कॉल या वॉयस मैसेज भेजते हैं, जो आपके परिचित की आवाज में होता है। कॉलर आईडी भी बदल दी जाती है ताकि यह भरोसेमंद लगे।
कैसे बचें इस ठगी से?
- कॉल आते ही तुरंत भरोसा न करें। जिस व्यक्ति के नाम से कॉल आया है, उनसे पुष्टि करें।
- परिवार में एक गुप्त शब्द तय करें। जब भी पैसे के लिए कॉल आए, उस शब्द को पूछें।
- यदि गुप्त शब्द नहीं पता हो, तो निजी बातें करें, जैसे 'कल रात हमने क्या खाया?'।
- ठग अक्सर जल्दी में पैसे भेजने का दबाव बनाते हैं। ऐसे में शांत रहें और जल्दबाजी में निर्णय न लें।
- किसी भी कॉलर को अपना OTP, बैंक विवरण या पासवर्ड न बताएं। असली रिश्तेदार भी ऐसा नहीं मांगेंगे।
- अपने मोबाइल और कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।
शिकायत कैसे करें?
यदि आप या आपके आस-पास कोई इस तरह के ठगी का शिकार हुआ है, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें या भारत सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।