साइबर क्राइम के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें फर्जी क्रिप्टो निवेश कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी का पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा और चंडीगढ़ में की गई छापेमारी में 3 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है और 18 बैंक खातों को फ्रीज किया गया है। जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी मिले हैं। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
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साइबर अपराध पर नियंत्रण की कोशिशें

देश में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसके रोकथाम के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक फर्जी क्रिप्टो निवेश कंपनी के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। ईडी ने हरियाणा और चंडीगढ़ में 9 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 3 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ। इसके साथ ही, 18 बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया है।


छापेमारी की जानकारी

ईडी के चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने 24 दिसंबर 2025 को अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और चंडीगढ़ में कुल 9 आवासीय स्थानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर निवेश के झांसे से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में की गई। तलाशी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी मिले।


फ्रीज किए गए बैंक खाते

इस मामले में ईडी ने 18 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनमें लगभग 22.38 लाख रुपये की अवैध राशि पाई गई। इसके अलावा, 4 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए हैं। जांच में लगभग 3 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों का पता चला है, जो ठगी से अर्जित धन से खरीदी गई थीं।


फर्जी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का खुलासा

ईडी की जांच में यह सामने आया है कि विकास कालरा, तरुण तनेजा, कपिल कुमार और पवन कुमार ने मिलकर एक फर्जी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित किया था। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में भारी मुनाफे का लालच देकर निवेश कराया गया।


परिवार के नाम पर संपत्तियों का उपयोग

जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने निवेशकों से धन Binance पर बनाए गए क्रिप्टो वॉलेट्स में मंगवाया। इसके अलावा, निवेश की राशि आरोपियों के निजी बैंक खातों में भी ली गई, जिसे बाद में उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खातों के माध्यम से इधर-उधर घुमाया गया। ठगी से प्राप्त धन का उपयोग परिवार के नाम पर संपत्तियां खरीदने में किया गया।


जांच की प्रगति

ईडी ने बताया कि इस मामले की जांच हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। वर्तमान में, मामले की आगे की जांच जारी है और आने वाले समय में और खुलासे होने की संभावना है।