सांप के जहर से बचाव के लिए नई दवा का विकास

भारत में सांप के काटने से हर साल हजारों मौतें होती हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक नई दवा यूनिथिओल का विकास किया है, जो सांप के जहर को प्रभावी ढंग से खत्म कर सकती है। यह दवा पानी के साथ ली जा सकती है और सामान्य तापमान पर रखी जा सकती है, जिससे गांवों में भी इसका उपयोग संभव हो सकेगा। जानें इस दवा के प्रयोग और इसके प्रभाव के बारे में।
 | 
सांप के जहर से बचाव के लिए नई दवा का विकास

सांप के काटने का खतरा

नई दिल्ली। भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सांप के काटने का भय व्याप्त है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 1 लाख 40 हजार से अधिक लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवाते हैं। इस गंभीर समस्या का समाधान खोजने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि घर पर रहकर भी सांप के जहर को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।


इंजेक्शन के माध्यम से जहर का उपचार

भारत में सांप के काटने के मामलों में अब तक एंटीवेनम का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इसे इंजेक्शन के रूप में लागू किया जाएगा। ई-बायोमेडिसिन की एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया है कि यूनिथिओल नामक दवा सांप के जहर को समाप्त करने में सक्षम है। पहले इसका उपयोग धातु विषाक्तता के इलाज के लिए किया जाता था।


दवा का सेवन और भंडारण

शोधकर्ताओं का कहना है कि सांप के जहर में मेटालोप्रोटीन एंजाइम होता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इसके लिए जिंक की आवश्यकता होती है, और यूनिथिओल जिंक को शरीर से निकालकर जहर के फैलाव को रोकता है। इस दवा को पानी के साथ लिया जा सकता है और इसे सामान्य तापमान पर रखा जा सकता है, जिससे यह कैप्सूल के रूप में उपलब्ध हो सकता है।


गांवों में अधिक मौतें

सांप के जहर के उपचार के लिए जो भी दवाएं विकसित की गई हैं, उन्हें एक विशेष तापमान पर रखने की आवश्यकता होती है, जो दूर-दराज के गांवों में संभव नहीं है। इसी कारण गांवों में सांप के काटने से अधिक मौतें होती हैं।


प्रयोगों के परिणाम

केन्या में 64 व्यक्तियों पर इस दवा का परीक्षण किया गया। इन सभी ने सांप के काटने के बाद यूनिथिओल का उपयोग किया और इसके परिणामस्वरूप वे ठीक हो गए। यह दवा कम और अधिक जहरीले सांपों के काटने के बाद भी प्रभावी है।