सस्ते OTT सब्सक्रिप्शन के जरिए धोखाधड़ी का नया तरीका

साइबर अपराधियों ने OTT उपभोक्ताओं को ठगने के लिए सस्ते सब्सक्रिप्शन का नया तरीका अपनाया है। वे WhatsApp के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं और 500 रुपये में सब्सक्रिप्शन का लालच देकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। एक बार जब उपभोक्ता इन जालसाजियों के जाल में फंस जाते हैं, तो उनके बैंक खाते खाली हो जाते हैं। जानें इस धोखाधड़ी से कैसे बचें और अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा कैसे करें।
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सस्ते OTT सब्सक्रिप्शन के जरिए धोखाधड़ी का नया तरीका

धोखाधड़ी का नया तरीका

साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने के लिए नए तरीके खोज लिए हैं। अब वे OTT उपभोक्ताओं को सस्ते दरों पर सब्सक्रिप्शन की पेशकश कर रहे हैं। जबकि सभी प्रमुख OTT प्लेटफार्म सामान्यतः लगभग 1,500 रुपये की कीमत पर सब्सक्रिप्शन लेते हैं, धोखेबाज इसे केवल 500 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। उनका तरीका यह है कि वे WhatsApp के माध्यम से उपभोक्ताओं से संपर्क करते हैं और इन न्यूनतम सब्सक्रिप्शन ऑफर्स के साथ उन्हें लुभाते हैं। एक बार जब उपभोक्ता इन जालसाजियों के जाल में फंस जाते हैं, तो उनके बैंक खाते कुछ ही मिनटों में खाली हो जाते हैं।


तेलंगाना टुडे द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, धोखेबाज उपभोक्ताओं को APK फाइलें और रिमोट एक्सेस ऐप्स लिंक के माध्यम से भेजते हैं।


साइबर क्राइम के DCP ने बताया कि एक बार जब पीड़ित के डिवाइस पर मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है, तो यह गुप्त रूप से बैंकिंग विवरण, PAN, आधार और अन्य संवेदनशील जानकारी को चुरा लेता है।


साइबर अधिकारियों ने आगे चेतावनी दी है कि OTT सब्सक्रिप्शन के लिए Google पर खोज करने से भी उपभोक्ताओं को खतरा हो सकता है। स्कैमर्स ऐसे विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को निशाना बनाते हैं, और एक बार जब उन पर क्लिक किया जाता है, तो ये विज्ञापन व्यक्तियों को धोखेबाजों के साथ WhatsApp चैट में भेज देते हैं।