सर्वाइकल कैंसर: लक्षण, रोकथाम और जागरूकता के उपाय

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो तेजी से बढ़ रही है। इस लेख में, हम इसके लक्षणों, रोकथाम के उपायों और जागरूकता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे इस कैंसर से बचा जा सकता है और इसके शुरुआती संकेतों को पहचान सकते हैं।
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सर्वाइकल कैंसर: लक्षण, रोकथाम और जागरूकता के उपाय

सर्वाइकल कैंसर का परिचय


कैंसर के प्रकार: कैंसर विभिन्न प्रकारों में आता है और यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। भारत में, यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है, और हर साल इसके मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महिलाओं में चौथा सबसे सामान्य कैंसर माना है, जबकि भारत में यह दूसरे स्थान पर है। आइए, इस कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं।


जनवरी का महीना क्यों महत्वपूर्ण है?

नॉर्थ जियोर्जिया हेल्थ डिस्ट्रिक्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी का महीना नए साल की शुरुआत के साथ-साथ सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने का भी समय है। इस महीने हमें लोगों को इस कैंसर के लक्षणों, रोकथाम और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना चाहिए।


सर्वाइकल कैंसर क्या है?

सर्वाइकल कैंसर, मेदांता डॉट कॉम के अनुसार, गर्भाश्य के निचले हिस्से में विकसित होने वाला कैंसर है। इसके प्रारंभिक चरणों में लक्षण प्रकट नहीं होते हैं, लेकिन कुछ संकेत होते हैं जिन्हें पहचानना आवश्यक है। सर्विक्स, जो गर्भाश्य और योनि को जोड़ता है, में कैंसर के सेल्स तेजी से बढ़ते हैं। इसके कारणों में धूम्रपान, HIV संक्रमण, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन और असुरक्षित यौन संबंध शामिल हैं।


सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण

1. डिसचार्ज: यदि किसी महिला को प्राइवेट पार्ट से अधिक डिसचार्ज हो रहा है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। इस डिसचार्ज में बदबू और भूरा या लाल रंग हो सकता है।


2. वजन में कमी: सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों में अचानक वजन कम होना शामिल है। मरीज को भूख कम लगती है, जिससे वजन घटता है। इसके साथ ही थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।


3. पेल्विक दर्द: पेल्विक दर्द, जो पीठ के निचले हिस्से में और फेफड़ों, आंतों तथा यूरिनल क्षेत्र में दर्द के साथ होता है, कैंसर का संकेत हो सकता है.


सर्वाइकल कैंसर: लक्षण, रोकथाम और जागरूकता के उपाय


4. पेशाब में कठिनाई: यदि किसी महिला को यूरिन पास करने में कठिनाई हो रही है, जैसे कि दर्द या जलन महसूस होना, तो यह भी कैंसर का संकेत हो सकता है।


5. यौन संबंध में परेशानी: महिलाओं को यौन संबंध बनाते समय दर्द का अनुभव होना भी इस कैंसर का संकेत हो सकता है।


सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के उपाय

1. HPV वैक्सीनेशन: यह टीका सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। यह लड़कियों और महिलाओं को एचपीवी संक्रमण से बचाता है, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।


2. नियमित स्क्रीनिंग: सर्वाइकल कैंसर की समय-समय पर स्क्रीनिंग कराना आवश्यक है।


3. सुरक्षित यौन संबंध: सुरक्षित यौन संबंध बनाना कैंसर से बचाव में मदद करता है।


4. स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अपनाएं।


5. धूम्रपान और शराब से बचें: इनसे दूरी बनाना भी महत्वपूर्ण है।