सर्दियों में हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और बचाव के उपाय

सर्दियों में तापमान गिरने के साथ हार्ट ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। जानें हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण, जैसे सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई। इसके अलावा, जानें कि कैसे आप अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं। सही खानपान, नियमित व्यायाम और तनाव से बचने के उपायों के साथ, आप हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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सर्दियों में हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और बचाव के उपाय

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और सर्दियों में सावधानियाँ

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण क्या होते हैं Image Credit source: Getty images

इस समय देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड का सामना किया जा रहा है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक का जोखिम गर्मियों की तुलना में 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण दिल की नसों में ब्लॉकेज होता है, जो हार्ट फेल होने का भी कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि सर्दियों में हार्ट अटैक क्यों होता है और हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण क्या हैं।

कम तापमान के कारण दिल की नसें सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। रक्त का सही सर्कुलेशन न होने से हार्ट अटैक या हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। यदि समय पर इन लक्षणों का पता चल जाए, तो आप हार्ट अटैक के खतरे से बच सकते हैं।

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण

दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, हार्ट ब्लॉकेज का सबसे सामान्य लक्षण सीने में दर्द है। इसमें सीने पर दबाव या जकड़न महसूस हो सकती है। यदि आपको गैस की समस्या नहीं है और सीने में लगातार दर्द बना हुआ है, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। हार्ट ब्लॉकेज के अन्य लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है, खासकर हल्का व्यायाम करते समय या तेज चलने पर। इसके अलावा, अचानक हार्ट बीट का तेज होना भी एक संकेत हो सकता है। हार्ट ब्लॉकेज के कारण थकान भी हो सकती है, विशेषकर व्यायाम या तनाव के समय।

हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के उपाय

1. संतुलित आहार का पालन करें।
2. नियमित व्यायाम करें।
3. धूम्रपान से बचें।
4. मानसिक तनाव से दूर रहें।
5. साल में एक बार हार्ट चेकअप कराएं।
6. शराब का सेवन सीमित करें।
7. किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत इलाज कराएं।