सर्दियों में हरी सब्जियों का सेवन: कीटनाशकों से बचने के उपाय

हरी सब्जियों का सेवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव
जैसे ही सर्दियों में पालक, मेथी, बथुआ और सरसों जैसी हरी सब्जियां बाजार में आती हैं, लोग इन्हें विटामिन और आयरन से भरपूर समझकर अपने खाने में शामिल करने लगते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब्जियां किस प्रकार की खेती से आती हैं?
किसान फसलों की पैदावार बढ़ाने और कीटों से सुरक्षा के लिए सिस्टमिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। ये रसायन सीधे पौधों की जड़ों और पत्तियों में समाहित हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन रसायनों को सब्जियों से हटाने के लिए 7 से 10 दिन का समय देना चाहिए, लेकिन कई किसान इस सलाह का पालन नहीं करते।
डॉक्टर मनीष खेडेकर के अनुसार, लंबे समय तक इन कीटनाशकों का सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां पहले आती हैं, जबकि कैंसर, किडनी और लिवर के नुकसान जैसे गंभीर परिणाम बाद में सामने आते हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इनका प्रभाव अधिक होता है।
क्या करें? यहां कुछ सुरक्षा उपाय दिए गए हैं: सब्जियों को अच्छे से धोएं, भिगोएं और फिर पकाएं। जहां संभव हो, जैविक खेती से उत्पादित सब्जियां खरीदें। खुद छोटे स्तर पर किचन गार्डन या ऑर्गेनिक फार्मिंग करें। बाजार से आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों को नमक या सिरके के पानी में भिगोना भी फायदेमंद हो सकता है।
प्राकृतिक खेती एक सुरक्षित विकल्प है। नीम का अर्क, गोमूत्र, जीवामृत और राख जैसे पारंपरिक संसाधन न केवल फसलों को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। सरकारें भी अब प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही हैं, लेकिन जब तक उपभोक्ता जागरूक नहीं होंगे, बदलाव धीमा रहेगा।