सर्जियो गोर ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ पर मतभेद कम हो सकते हैं

सर्जियो गोर, जो अमेरिका के अगले राजदूत के रूप में नामित किए गए हैं, ने भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवादों को हल करने की संभावना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध गर्म और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। गोर ने रक्षा सहयोग, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत की 1.4 अरब की जनसंख्या और तेजी से बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी को अमेरिका के लिए विशाल अवसर बताया। यदि उन्हें पुष्टि मिलती है, तो वह भारत के साथ साझेदारी को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
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सर्जियो गोर ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ पर मतभेद कम हो सकते हैं

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के अगले राजदूत के रूप में नामित सर्जियो गोर ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच टैरिफ को लेकर मतभेद बहुत अधिक नहीं हैं। उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि आने वाले हफ्तों में व्यापारिक तनाव कम हो सकते हैं।


गोर, जो व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति जनशक्ति कार्यालय के निदेशक हैं और ट्रंप के करीबी सहयोगी हैं, ने कहा कि हाल के टैरिफ विवादों और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के बावजूद, अमेरिका-भारत संबंध 'गर्म और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण' बने हुए हैं।


संसद में गोर का बयान

गोर ने अमेरिकी सीनेट की एक समिति में सुनवाई के दौरान कहा, 'हम इन टैरिफ पर एक समझौते के लिए बहुत दूर नहीं हैं। मुझे लगता है कि यह अगले कुछ हफ्तों में हल हो जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्य साझा हैं और उनका संबंध चीन के साथ की तुलना में 'काफी गर्म' है।


भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी


गोर ने सीनेट विदेश संबंध समिति के समक्ष अपने बयान में अमेरिका-भारत संबंधों की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया, यह कहते हुए कि भारत 'हमारे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है।' उन्होंने इस महत्वपूर्ण साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति प्रस्तुत की, जो न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।


भारत के साथ रक्षा सहयोग

गोर ने भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास का विस्तार, रक्षा प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन और महत्वपूर्ण रक्षा बिक्री को पूरा करना शामिल है।'


उन्होंने भारत में अमेरिकी अवसरों पर भी चर्चा की, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में।


व्यापार और निवेश के अवसर

गोर ने कहा, 'भारत की 1.4 अरब की जनसंख्या और तेजी से बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी अमेरिका के लिए विशाल अवसर प्रस्तुत करती है।' उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संरक्षणवादी नीतियों और नियामक बाधाओं ने इस साझेदारी को पूरी तरह से साकार करने में बाधा डाली है।


उन्होंने वादा किया कि वह ऐसे व्यापार को बढ़ावा देंगे जो अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों के लिए लाभकारी हो।


ऊर्जा सहयोग और तकनीकी साझेदारी

गोर ने ऊर्जा सहयोग पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि यदि उन्हें पुष्टि मिलती है, तो वह भारत को अमेरिकी ऊर्जा निर्यात बढ़ाने के लिए काम करेंगे।


उन्होंने कहा, 'भारत एक रणनीतिक साझेदार है जो महत्वपूर्ण और उभरती तकनीकों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।' उन्होंने ट्रंप और मोदी द्वारा शुरू की गई यूएस-इंडिया ट्रस्ट पहल का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य अमेरिका के तकनीकी क्षेत्र की ताकत का लाभ उठाना है।


भारत की भूमिका

गोर ने अपने बयान में कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता में भारत की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा, 'दक्षिण एशिया की स्थिरता अमेरिका और सभी देशों के हित में है।'


गोर ने अपने समापन बयान में कहा कि यदि उन्हें राजदूत के रूप में पुष्टि मिलती है, तो वह अमेरिका को एक वैश्विक नेता बनाए रखने के लिए काम करेंगे और भारत के साथ एक साझेदारी को बढ़ावा देंगे जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हो।