सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कुत्तों को चुप रखने की अनोखी तकनीक

भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कुत्तों को चुप रखने के लिए तेंदुए के मल-मूत्र का उपयोग किया गया था। पूर्व नगरोटा कोर्प्स कमांडर ले. जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने इस तकनीक का खुलासा किया है। जानें कैसे इस अनोखी रणनीति ने ऑपरेशन की सफलता में योगदान दिया।
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सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कुत्तों को चुप रखने की अनोखी तकनीक

सर्जिकल स्ट्राइक की अनकही कहानी

सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कुत्तों को चुप रखने की अनोखी तकनीक


भारतीय सेना द्वारा 28-29 सितंबर 2016 की रात को की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सभी को जानकारी है। इस घटना के काफी समय बाद एक वीडियो सामने आया था। अब इस सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी एक नई और दिलचस्प जानकारी सामने आई है। पूर्व नगरोटा कोर्प्स कमांडर ले. जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने इस घटना का जिक्र पुणे में थोर्ले बाजीराव पेशवा प्रतिष्ठान में अपने सम्मान समारोह के दौरान किया।


कुत्तों को चुप रखने की रणनीति

निंबोरकर ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर जाने के दौरान कुत्तों को शांत रखने के लिए तेंदुए के मल-मूत्र का उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें भूगर्भ विज्ञान और पशु व्यवहार का अच्छा ज्ञान था। इसके साथ ही, सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक से पहले इलाके की गहन जांच भी की थी।


सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान दुश्मन सेना के साथ-साथ कुत्तों से भी खतरा था, क्योंकि सेना को पता था कि कुत्ते किसी भी हलचल पर पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को सतर्क कर सकते हैं।


सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी

निंबोरकर ने बताया कि सेना को यह पता था कि सर्जिकल स्ट्राइक के रास्ते में गांवों से गुजरते समय कुत्ते भौंक सकते हैं और संभवतः हमला भी कर सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, उनकी टुकड़ियों ने तेंदुए का मल-मूत्र लेकर जाने का निर्णय लिया। इसे गांव के बाहर छिड़कने से कुत्ते उस क्षेत्र से दूर हो गए।


उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को गुप्त रखा गया था। उनकी टुकड़ियों को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी थी, लेकिन स्थान के बारे में नहीं बताया गया था।


उरी हमले के बाद की कार्रवाई

18-19 सितंबर 2016 को उरी बेस कैम्प पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें भारत के 19 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय लिया। 28-29 सितंबर 2016 की रात को इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।


हमले से पहले, आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स पर खुफिया एजेंसियों ने एक सप्ताह से नजर रखी थी। रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने आतंकियों की हर गतिविधि पर बारीकी से ध्यान दिया।


पीएम मोदी को दी गई जानकारी

सेना ने हमले के लिए कुल 6 कैम्पों को निशाना बनाया था। हमले के दौरान इनमें से तीन कैम्पों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे। जानकारी के अनुसार, भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में लगभग 50 आतंकियों के मारे जाने की खबर थी।