सरगुजा में चंगाई सभा पर विवाद: प्रशासन ने रोका आयोजन

सरगुजा जिले के रतनपुर गांव में आयोजित चंगाई सभा के खिलाफ ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि इस आयोजन के माध्यम से धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
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प्रशासन ने कार्यक्रम को किया स्थगित

सरगुजा में चंगाई सभा पर विवाद: प्रशासन ने रोका आयोजन


सरगुजा जिले के रतनपुर गांव में आयोजित तीन दिवसीय चंगाई सभा के खिलाफ ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि इस प्रकार के आयोजनों के जरिए धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से गांव का माहौल बिगड़ रहा है और सामाजिक सौहार्द को खतरा हो सकता है।


कन्वर्जन के आरोपों से उपजा विरोध

स्थानीय लोगों का कहना है कि ईसाई समुदाय द्वारा आयोजित इस सभा में पहले भी ऐसे कार्यक्रम हुए हैं, जिनमें बीमारों का इलाज कराकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आयोजक 'चंगाई' के नाम पर लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं, जिससे समाज में धार्मिक मतभेद बढ़ रहे हैं।


विरोध के दौरान पुलिस की मौजूदगी

विरोध बढ़ने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और हिंदू संगठन के सदस्य सभा स्थल पर पहुंचे और नारेबाजी की। उन्होंने कार्यक्रम को तुरंत बंद करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान एक प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार बतौली को ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस तरह के आयोजनों पर रोक लगाने की अपील की गई।


प्रशासन ने कार्यक्रम को रोका, स्थिति सामान्य

मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार और स्थानीय पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने स्थिति का आकलन किया और शांति बनाए रखने की अपील की। निर्देश मिलने पर आयोजक समिति ने सभी गतिविधियों को रोकने का निर्णय लिया और मंच से कार्यक्रम समाप्त करने की घोषणा की। पुलिस बल की तैनाती के बाद स्थिति सामान्य हो गई और गांव का माहौल तनावमुक्त हो गया।