सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों का मर्जर: सरकार का नया कदम
सरकार का मर्जर प्लान
सरकार सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के विलय की प्रक्रिया पर काम कर रही है.
बैंकों के बाद, अब सरकार ने सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के विलय की योजना बनाई है। इसके लिए एक विस्तृत योजना भी तैयार की गई है। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय तीन सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को एकीकृत करने के प्रारंभिक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, क्योंकि इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। इस कदम का उद्देश्य कार्यक्षमता में वृद्धि और बड़े पैमाने पर संचालन सुनिश्चित करना है। आइए जानते हैं कि सरकार की योजना में क्या शामिल है.
संभावित मर्जर कंपनियां
सरकार ने 2019-20 से 2021-22 के बीच ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में कुल 17,450 करोड़ रुपये का निवेश किया था ताकि इन्हें वित्तीय संकट से उबारा जा सके। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन तीनों कंपनियों को एक ही इंश्योरेंस यूनिट में विलय करने की घोषणा की थी। हालांकि, जुलाई 2020 में इस विचार को स्थगित कर दिया गया और इसके बजाय तीनों कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की मंजूरी दी गई.
प्राइवेटाइजेशन पर विचार
सूत्रों के अनुसार, अब जब इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार आया है, वित्त मंत्रालय इनके विलय की प्रारंभिक समीक्षा कर रहा है ताकि कार्यक्षमता में वृद्धि की जा सके। साथ ही, सरकार द्वारा घोषित एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और विभिन्न विकल्पों पर चर्चा जारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में दो सरकारी बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण की योजना की घोषणा की थी। इसके बाद, अगस्त 2021 में संसद ने सामान्य बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 पारित किया, जिससे सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के निजीकरण का रास्ता खुल गया.
