सरकार ने रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना को दी मंजूरी, 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य

नई रोजगार योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 के बजट में शामिल रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना (ELI) को मंजूरी दी। इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में नई नियुक्तियों को एक महीने का वेतन और कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य देश में रोजगार के अवसर बढ़ाना और कामकाजी युवाओं के कौशल में सुधार करना है।
नौकरियों का लक्ष्य और वित्तीय सहायता
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नई नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी खोजने वालों को दो किस्तों में ₹15,000 तक की सीधी वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना के लिए मंत्रिमंडल ने ₹99,446 करोड़ का बजट मंजूर किया है।
कंपनियों को प्रोत्साहन
इस योजना में शामिल कंपनियों को हर नए कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक ₹3000 का नकद प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों को चार वर्षों तक यह लाभ प्राप्त होगा। यह योजना प्रधानमंत्री के रोजगार और कौशल विकास पैकेज का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य दीर्घकालिक रूप से लगभग 4.1 करोड़ नौकरी चाहने वालों को रोजगार प्रदान करना है, जिसके लिए कुल बजट ₹2 लाख करोड़ है।
आवश्यकता और वेतन आधारित प्रोत्साहन
सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, भारत को 2030 तक हर साल 78.5 लाख गैर-कृषि नौकरियों का सृजन करना होगा, जो वर्तमान रोजगार सृजन दर से काफी अधिक है। योजना के एक भाग के तहत, सभी पहली बार नौकरी खोजने वालों को अधिकतम ₹1 लाख वेतन के बराबर एक महीने का वेतन दिया जाएगा।
कंपनियों की पात्रता
योजना के तहत, 50 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को दो नए कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा, जबकि 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को पांच नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा। सभी कर्मचारियों का पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के साथ अनिवार्य है।
वेतन के आधार पर प्रोत्साहन
वेतन के आधार पर प्रोत्साहन इस प्रकार निर्धारित किए गए हैं: ₹10,000 तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए ₹1,000, ₹10,000 से ₹20,000 के बीच के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए ₹2,000, और ₹20,000 से ₹1 लाख के बीच के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए ₹3,000।
योजना की अवधि
यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगी। वैष्णव ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में नए लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
निगरानी और पारदर्शिता
पूर्व में श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि सरकार एआई तकनीकों और सख्त निगरानी तंत्र के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनियां इस योजना का लाभ उठाकर पुराने कर्मचारियों को नए के रूप में घोषित न करें। कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय योजना में भाग लेने वाली कंपनियों की सूची तैयार करेगा, जबकि श्रम मंत्रालय ने योजना के प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया है।