सरकार आधा दर्जन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है

सरकार की हिस्सेदारी बिक्री की तैयारी

सरकार आधा दर्जन से अधिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.
इस वर्ष, सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को कम करने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी डिवेस्टमेंट सचिव अरुणीश चावला ने मीडिया से साझा की. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी कंपनियां शामिल होंगी, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में भी हिस्सेदारी बेची जा सकती है. इसका मुख्य उद्देश्य सरकार की आय बढ़ाना और निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान करना है.
नेचुरल रिसोर्स सेक्टर में संभावित IPO
चावला ने यह भी बताया कि इस वित्तीय वर्ष में नेचुरल रिसोर्स सेक्टर की किसी सरकारी कंपनी या उसकी सहायक कंपनी का IPO हो सकता है. हालांकि, उन्होंने कंपनी का नाम नहीं बताया, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह ONGC या NHPC की हरित ऊर्जा कंपनी हो सकती है. इन दोनों कंपनियों ने अपने ग्रीन एनर्जी यूनिट्स को शेयर बाजार में लाने की योजना बनाई है.
बीमा, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में हिस्सेदारी बिक्री
सरकार की योजना है कि बीमा, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अल्पसंख्यक हिस्सेदारी बेची जाए. चावला ने कहा कि इन क्षेत्रों में शेयर बाजार के नियमों के अनुसार हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी. इसका उद्देश्य निवेशकों को नए अवसर प्रदान करना और इन क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा देना है.
IDBI बैंक की बिक्री की प्रक्रिया
सरकार इस साल डिवेस्टमेंट के अपने लक्ष्यों को पार करने की उम्मीद कर रही है. IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री इस वित्त वर्ष में पूरी हो सकती है. हालांकि, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि डिवेस्टमेंट से मिलने वाली राशि कई कारकों पर निर्भर करती है, इसलिए निश्चित राशि बताना मुश्किल है. फिर भी, सरकार का लक्ष्य है कि इस साल 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश प्राप्त किया जाए.
डिवेस्टमेंट की गति बढ़ाने की योजना
चावला ने कहा कि साल की शुरुआत में सरकार ने कुछ हिस्सेदारी बिक्री की थी, लेकिन बाजार में अस्थिरता के कारण थोड़ी रुकावट आई. अब जब बाजार स्थिर हो गया है, सरकार फिर से तेजी से डिवेस्टमेंट को आगे बढ़ाएगी. इसके लिए वे छोटे निवेशकों के लिए भी मौके लाने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार की योजना है कि जल्द ही कई सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री के जरिए फंड जुटाए और निवेशकों को नए मौके दें. इससे न केवल सरकारी खजाना मजबूत होगा बल्कि देश की आर्थिक मजबूती भी बढ़ेगी.