समाजवादी पार्टी ने महाविकास अघाड़ी से लिया अलग रुख, बीएमसी चुनाव में 150 सीटों पर लड़ने का किया ऐलान

महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने महाविकास अघाड़ी से अलग होने का निर्णय लिया है। अबू आजमी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी बीएमसी चुनाव में 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस बीच, मनसे को भी झटका लगा है, जब अभिनेता रमेश परदेशी ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया। शिवसेना में भी असंतोष की लहर है, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में विस्तार से।
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समाजवादी पार्टी ने महाविकास अघाड़ी से लिया अलग रुख, बीएमसी चुनाव में 150 सीटों पर लड़ने का किया ऐलान

समाजवादी पार्टी का नया कदम

समाजवादी पार्टी ने महाविकास अघाड़ी से लिया अलग रुख, बीएमसी चुनाव में 150 सीटों पर लड़ने का किया ऐलान

अबू आजमी, अध्यक्ष समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र.

महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों की हलचल बढ़ गई है। इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सपा ने महाविकास अघाड़ी से अलग होने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने जानकारी दी कि उनकी पार्टी बीएमसी चुनाव में 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही, राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी समाजवादी पार्टी अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।

इस बीच, स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों के बीच मनसे को एक बड़ा झटका लगा है। अभिनेता रमेश परदेशी ने बीजेपी में शामिल होकर पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने पुणे के सांसद और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल की उपस्थिति में मुंबई में बीजेपी जॉइन की है।मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने 6 नवंबर को पुणे में शाखा अध्यक्षों के साथ बैठक की थी।

राज ठाकरे से नाराजगी का खुलासा

बैठक के बाद यह चर्चा होने लगी कि राज ठाकरे रमेश परदेशी से नाराज हैं। परदेशी ने बताया कि राज साहब मुझसे नाराज नहीं थे, बल्कि मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी, जिसके चलते उन्होंने मुझसे तीखे शब्दों में बात की थी। इसके बाद, रमेश परदेशी ने फेसबुक पर एक और तस्वीर साझा की, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि वह बीजेपी की ओर बढ़ रहे हैं। अब उन्होंने आधिकारिक रूप से भाजपा का झंडा थाम लिया है।

शिवसेना में भी असंतोष की लहर

दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे की शिवसेना में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कई मंत्री असंतुष्ट हैं, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। यह असंतोष आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले बीजेपी द्वारा अपने सहयोगी दलों के नेताओं को अलग करने के कारण उत्पन्न हुआ है। शिवसेना के ठाकरे गुट के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि 20 विधायक कुछ महीने पहले ही एकनाथ शिंदे का साथ छोड़ने वाले थे।