समाजवादी पार्टी की 'पीडीए पाठशाला' पर विवाद: अखिलेश यादव का बयान

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 'पीडीए पाठशाला' को लेकर उठे विवाद में पुलिस की रोकथाम को नकारते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्थिति का अवलोकन करने का आग्रह किया। भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस पाठशाला पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया, जबकि सपा के राम गोपाल यादव ने एफआईआर की निंदा की। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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समाजवादी पार्टी की 'पीडीए पाठशाला' पर विवाद: अखिलेश यादव का बयान

समाजवादी पार्टी का समर्थन

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को 'पीडीए पाठशाला' को लेकर उठे विवाद पर स्पष्ट किया कि पुलिस इसे नहीं रोक सकती। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वे स्वयं पाठशाला में जाकर स्थिति का अवलोकन करें। यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी तब तक छात्रों को पढ़ाना जारी रखेगी जब तक राज्य सरकार द्वारा बंद या विलय किए गए स्कूलों में नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती।


भूपेंद्र सिंह चौधरी का आरोप

इससे पहले, उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा की 'पीडीए पाठशाला' में पढ़ाए जा रहे पाठों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का प्रयास है। चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा, "जब सपा सत्ता में थी, तब उन्होंने बच्चों के भविष्य के साथ छेड़छाड़ की और आज भी ऐसा कर रहे हैं।"


राम गोपाल यादव का बचाव

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने सोमवार को पार्टी के नेता फरहाद आलम के खिलाफ 'पीडीए पाठशाला' में अंग्रेजी वर्णमाला के राजनीतिकरण के लिए दर्ज की गई एफआईआर की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह सत्ता में बैठे 'अज्ञानी लोगों' और 'क्षुद्र मानसिकता' का परिणाम है। यादव ने पाठों का बचाव करते हुए पूछा, "अगर हम 'ए फॉर अखिलेश', 'बी फॉर बाबासाहेब' पढ़ाते हैं, तो इसमें क्या गलत है?"