सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी: पूर्व अधिकारी की गिरफ्तारी
सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी की जांच
केरल के पथानामथिट्टा जिले में स्थित सबरीमाला मंदिर से सोने के गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। यह गिरफ्तारी मुख्य आरोपी, बेंगलुरु के व्यवसायी उन्नीकृष्णन पोट्टी की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद हुई है।
इसके अलावा, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। कुमार को तिरुवनंतपुरम में अपराध शाखा कार्यालय में एसआईटी द्वारा पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया। वह 2019 में मंदिर के कार्यकारी अधिकारी थे और उन पर आरोप है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने की जानकारी छिपाई और इसे आधिकारिक दस्तावेजों में तांबे की चादरों के रूप में दर्ज किया।
जांच में नए खुलासे
अधिकारियों ने बताया कि कुमार 1990 के दशक से इस मामले में शामिल हैं और उन्हें 1998-99 के दौरान गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने की जानकारी थी। जब 2019 में द्वारपालक की प्लेटों को सोने की परत चढ़ाने के लिए पोट्टी को सौंपा गया, तो कुमार ने उन्हें तांबे की प्लेटों के रूप में दर्ज किया, जिससे आरोपी मौजूदा सोने की परत को हटा सके।
इस बीच, एसआईटी ने पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से भी पूछताछ की। जांचकर्ताओं ने बताया कि वासुदेवन ने द्वारपालक की मूर्तियों के अतिरिक्त स्वर्ण-आवरण को अपने पास रखा था, जिसे पिछले महीने पोट्टी के रिश्तेदार के तिरुवनंतपुरम स्थित घर से जब्त किया गया। एसआईटी द्वारपालक की मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) के चौखटों से सोने के गायब होने से संबंधित मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंपा गया था।
