सफीन हसन: 22 साल की उम्र में आईपीएस बनने की प्रेरणादायक कहानी

सफीन हसन की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जिन्होंने 22 साल की उम्र में आईपीएस बनने का सपना पूरा किया। आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए, सफीन ने यूपीएससी परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की। जानें कैसे उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ।
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सफीन हसन: 22 साल की उम्र में आईपीएस बनने की प्रेरणादायक कहानी

सफीन हसन की प्रेरणादायक यात्रा


हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बेटा अच्छी शिक्षा प्राप्त करे और एक सफल अधिकारी बने। हालांकि, यह सपना हर किसी के लिए पूरा होना संभव नहीं होता। लेकिन जो बच्चे कठिनाइयों का सामना करते हुए मेहनत करते हैं, वे अपने जीवन में कुछ बड़ा करने का संकल्प लेते हैं।


आज हम आपको सफीन हसन की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने कई चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की। सफीन ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की और मात्र 22 वर्ष की आयु में आईपीएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।


22 वर्ष की आयु में आईपीएस अधिकारी बने सफीन!


सफीन, जो गुजरात के सूरत के निवासी हैं, ने सरकारी स्कूल में गुजराती माध्यम से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। 10वीं कक्षा में 92% अंक लाने के बाद, उन्होंने 11वीं कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की। शुरुआत में, सफीन का सपना डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बनने का था।


जब सफीन प्राइमरी स्कूल में थे, तब एक बार उनके स्कूल में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आए थे। उस समय सभी शिक्षक और कर्मचारी कलेक्टर का सम्मान कर रहे थे, जिससे सफीन बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने ठान लिया कि वे भी एक दिन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बनेंगे।


गरीबी में पले सफीन ने आईपीएस की परीक्षा पास की!


सफीन का परिवार पहले से गरीब नहीं था, उनके माता-पिता एक डायमंड फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन 2000 में आर्थिक मंदी के कारण उनके परिवार ने अपनी नौकरी खो दी। उस समय उनका घर भी निर्माणाधीन था। नौकरी छूटने के बाद, परिवार को दिन-रात मेहनत करनी पड़ी और सफीन ने भी परिवार की मदद के लिए काम करना शुरू किया।


आईपीएस सफीन हसन


सफीन के पिता ने इलेक्ट्रिशियन का काम शुरू किया और उनकी मां ने दूसरों के घरों में खाना बनाना शुरू किया। शाम के समय, परिवार के सदस्य वैन में अंडे और चाय बेचकर अपना गुजारा करते थे, जिसमें सफीन भी अपने माता-पिता की मदद करते थे।


शिक्षा और संघर्ष का सफर


सफीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की और पढ़ाई के दौरान कई आर्थिक समस्याओं का सामना किया, लेकिन उनका हौसला कभी कम नहीं हुआ। 12वीं कक्षा में ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का निर्णय लिया।


कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सफीन ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा दी और पहले प्रयास में 570वीं रैंक हासिल की। मात्र 22 वर्ष की आयु में आईपीएस अधिकारी बनकर उन्होंने अपने सपने को साकार किया और दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए।